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Rajnath Singh target china and pakistan in sco summit 2020 in Moscow
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शांति के लिए आक्रामक रवैया ठीक नहीं, मतभेद दूर करने के लिए भरोसा जरूरी: भारत
पीटीआई, मॉस्को
Published by: मुकेश कुमार झा
Updated Fri, 04 Sep 2020 06:33 PM IST
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अक्सर उकसावे की हरकत करने वाले चीन पर निशाना साधते हुए भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के मंच से दो टूक लहजे में कहा है कि शांति के लिए आक्रामक रवैया ठीक नहीं है। मतभेदों को दूर करने के लिए आपसी भरोसा जरूरी है। रूस के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को चीन का नाम लिए बगैर कहा, एक-दूसरे के प्रति विश्वास, गैर-आक्रामकता और संवेदनशीलता का माहौल एससीओ क्षेत्र की शांति, स्थिरता और सुरक्षा के लिए अहम है।
मॉस्को में एससीओ के रक्षामंत्रियों की बैठक में चीन के रक्षामंत्री जनरल वेई फेंगहे की मौजूदगी में राजनाथ ने कहा, दुनिया की 40 फीसदी से ज्यादा आबादी एससीओ में रहती है। ऐसे में शांतिपूर्ण, स्थिर और सुरक्षित क्षेत्र का माहौल बनाने के लिए विश्वास और सहयोग, गैर-आक्रामकता, अंतरराष्ट्रीय नियम-कायदों के लिए सम्मान, एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशीलता और मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत है।
राजनाथ ने कहा, भारत ने एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचे की अहमियत दी है। कट्टरपंथी प्रोपेगेंडा का मुकाबला करने के लिए एससीओ की ओर से आतंकरोधी तंत्र अपनाया जाना एक महत्वपूर्ण फैसला है। उन्होंने कहा, द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र के गठन के 75 साल पूरे हो गए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य शांतिपूर्ण विश्व बनाना था, जहां अंतरराष्ट्रीय कानून और देश की संप्रभुता का सम्मान हो और किसी भी देश को एकतरफा आक्रामक कार्रवाई से शिकार होने से बचाया जा सके।
उन्होंने कोरोना महामारी के जरिये भी चीन पर निशाना साधते हुए कहा, कोरोना ने हमें बहुत बड़ी सीख भी दी है। इसने मानव जाति को मतभेदों को भुलाने के साथ ही प्रकृति की ताकत को कमतर न आंकने को लेकर भी आगाह किया है। राजनाथ ने कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक 5 बनाने पर रूसी वैज्ञानिकों को बधाई भी दी।
पाकिस्तान पर निशाना, कहा-आतंक समर्थकों की निंदा करता है भारत
राजनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि भारत स्पष्ट रूप से सभी रूपों में आतंकवाद और इसके समर्थकों की निंदा करता है। हमें पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों से निपटने के लिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से संस्थागत क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। पाकिस्तान का नाम लिए बगैर राजनाथ ने कहा, कट्टरपंथी प्रोपेगेंडा और कट्टरवार को एससीओ द्वारा आतंकवाद विरोधी तंत्र को स्वीकारा जाना जरूरी है।
अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए भारत देता रहेगा मदद
बैठक में राजनाथ ने कहा, अफगानिस्तान में हालात को लेकर भारत चिंतित है। वह अफगानिस्तान सरकार और वहां के लोगों को शांति बहाली की कोशिशों को अपना समर्थन देता रहेगा। उन्होंने कहा, मैं इस बात का भरोसा दिलाना चाहता हूं कि भारत वैश्विक सुरक्षा के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। यह पारदर्शी होने के साथ-साथ सबको शामिल करते हुए अंतरराष्ट्रीय कानून के मूल्यों के मुताबिक होगा। उन्होंने खाड़ी देशों में हालात पर कहा, भारत को खाड़ी देशों की चिंता भी है और सभ्यता के साथ जुड़ाव भी। हम भारत के सभी दोस्तों से सम्मान, संप्रभुता और बिना आंतरिक मुद्दों में दखल दिए बातचीत के जरिए आपसी मतभेदों को सुलझाने की अपील करते हैं।
वार्ता के जरिए अपने मतभेद सुलझाने का आह्वान
भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह फारस की खाड़ी में बनी स्थिति पर काफी चिंतित है और क्षेत्र के देशों से आपसी सम्मान पर आधारित वार्ता के जरिए अपने मतभेद सुलझाने का आह्वान किया।फारस की खाड़ी में ईरान, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से जुड़ी कई घटनाओं के कारण क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'फारस की खाड़ी की स्थिति पर हम काफी चिंतित है।' खाड़ी के सभी देशों के साथ भारत के सभ्यतागत और सांस्कृतिक जुड़ाव तथा व्यापक हित होने का उल्लेख करते हुए सिंह ने क्षेत्र के देशों को आपसी सम्मान पर आधारित वार्ता के जरिए मतभेद सुलझाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, 'हम क्षेत्र के देशों से आपसी सम्मान, संप्रभुता और एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने की नीति पर आधारित वार्ता के जरिए मतभेद सुलझाने का आह्वान करते हैं। क्षेत्र के सभी देशों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। पिछले महीने ईरान की नौसेना ने होरमुज जलसंधि के पास एक तेल टैंकर को जब्त कर लिया था। इस पर लाइबेरिया का ध्वज लगा हुआ था। अमेरिका इसे अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र कहता है। ईरान ने इस क्षेत्र में तेल टैंकरों की आवाजाही रोकने की धमकी दी थी।
राजनाथ सिंह ने रूस के वैज्ञानिकों की सराहना की
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने में सफलता पाने के लिए रूस की सरकार और वहां की जनता को बधाई दी, साथ ही संक्रमण का टीका विकसित करने के लिए देश के वैज्ञानिकों की सराहना की। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पिछले माह घोषणा की थी कि रूस के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 का दुनिया का पहला टीका 'स्पुतनिक-5' विकसित कर लिया है।
उन्होंने कहा था कि उनकी एक बेटी को टीका लग चुका है और यह 'काफी प्रभावी' है तथा 'स्थाई प्रतिरोधक क्षमता' विकसित करता है। सिंह ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में अपने संबोधन में कहा, 'मैं रूस की सरकार और जनता को कोविड-19 महामारी पर सफलतापूर्वक नियंत्रण पाने के लिए बधाई देता हूं। हम रूस के वैज्ञानिकों और स्वास्थ्यकर्मियों को स्पुतनिक-5 टीका तैयार करने के लिए बधाई देते हैं। मैं महामारी के वक्त आप सब की अच्छी सेहत और सफलता की कामना करता हूं।'
रूस की सरकार ने कोविड-19 के टीके 'स्पुतनिक 5' का, साथ मिल कर उत्पादन करने और देश में इसके तीन चरण में नैदानिक परीक्षण करने के लिए भारत से बात की है। हालांकि रूस के टीके के प्रभावी होने के संबंध में सीमित आंकडे उपलब्ध होने के कारण, इसे ले कर कुछ लोगों में संशय है। जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार, रूस में संक्रमण से 17,598 लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमण के 10 लाख से अधिक मामले हैं। गौरतलब है कि सिंह आठ सदस्यीय एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए तीन दिन की रूस यात्रा पर हैं।
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