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भारत की ओर से अपनी तरह की पहली सांकेतिक पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र की यात्रा के दौरान 50 किलोवाट क्षमता के गांधी सौर पार्क का उद्घाटन करेंगे। यह कदम जलवायु परिवर्तन वार्ता से भी आगे जाने की भारत की इच्छाशक्ति को रेखांकित करता है।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय की छत पर स्थापित सौर पैनलों को उपहार में दिया है और विश्व निकाय के सभी 193 सदस्यों के लिए एक-एक पैनल लगाया गया है। पूरी परियोजना पर 10 लाख डॉलर खर्च हुए हैं।
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में मोदी 24 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में बने सौर पार्क के साथ ‘गांधी शांति उद्यान’ का भी उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र विशेष डाक टिकट भी जारी करेगा।
‘गांधी शांति उद्यान’ एक नवोन्मेषी पहल है जिसके तहत न्यूयॉर्क स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास, लांग आइलैंड से संचालित गैर सरकारी संगठन शांति फंड और स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क मिलकर 150 पेड़ लगाएंगे।
उद्यान महात्मा गांधी को समर्पित है और इसका वित्त पोषण लोगों से मिले चंदे से होगा। लोग अपने प्रियजनों की याद में पेड़ों को गोद ले सकते हैं। यह उद्यान 600 एकड़ के विश्वविद्यालय परिसर में होगा।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अकबरुद्दीन ने यहां गुरुवार को कहा कि देश संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में सक्रिय रूप से काम कर रहा है और इसके नतीजे दिख रहे हैं। सौर पार्क इसका उदारण है।
अकबरुद्दीन ने कहा कि भारत के इस प्रयास से प्रत्येक देश को लाभ होगा। उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र हमेशा नवीकरणीय ऊर्जा की बात करता है। वह हमेशा जलवायु कार्ययोजना और जलवायु परिवर्तन पर बात करता है। इस छोटे से प्रयास से हमने बातचीत से आगे जाने की अपनी इच्छाशक्ति को प्रदर्शित किया है।
इन सौर पैनलों से अधिकतम 50 किलोवाट विद्युत उत्पादन किया जा सकता है। अकबरुद्दीन ने बताया कि गांधी सौर पार्क में उत्पादित ऊर्जा 30,000 किलोग्राम कोयले से उत्पादित बिजली के बराबर है।
भारत की ओर से अपनी तरह की पहली सांकेतिक पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र की यात्रा के दौरान 50 किलोवाट क्षमता के गांधी सौर पार्क का उद्घाटन करेंगे। यह कदम जलवायु परिवर्तन वार्ता से भी आगे जाने की भारत की इच्छाशक्ति को रेखांकित करता है।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय की छत पर स्थापित सौर पैनलों को उपहार में दिया है और विश्व निकाय के सभी 193 सदस्यों के लिए एक-एक पैनल लगाया गया है। पूरी परियोजना पर 10 लाख डॉलर खर्च हुए हैं।
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में मोदी 24 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में बने सौर पार्क के साथ ‘गांधी शांति उद्यान’ का भी उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र विशेष डाक टिकट भी जारी करेगा।
‘गांधी शांति उद्यान’ एक नवोन्मेषी पहल है जिसके तहत न्यूयॉर्क स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास, लांग आइलैंड से संचालित गैर सरकारी संगठन शांति फंड और स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क मिलकर 150 पेड़ लगाएंगे।
उद्यान महात्मा गांधी को समर्पित है और इसका वित्त पोषण लोगों से मिले चंदे से होगा। लोग अपने प्रियजनों की याद में पेड़ों को गोद ले सकते हैं। यह उद्यान 600 एकड़ के विश्वविद्यालय परिसर में होगा।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अकबरुद्दीन ने यहां गुरुवार को कहा कि देश संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में सक्रिय रूप से काम कर रहा है और इसके नतीजे दिख रहे हैं। सौर पार्क इसका उदारण है।
अकबरुद्दीन ने कहा कि भारत के इस प्रयास से प्रत्येक देश को लाभ होगा। उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र हमेशा नवीकरणीय ऊर्जा की बात करता है। वह हमेशा जलवायु कार्ययोजना और जलवायु परिवर्तन पर बात करता है। इस छोटे से प्रयास से हमने बातचीत से आगे जाने की अपनी इच्छाशक्ति को प्रदर्शित किया है।
इन सौर पैनलों से अधिकतम 50 किलोवाट विद्युत उत्पादन किया जा सकता है। अकबरुद्दीन ने बताया कि गांधी सौर पार्क में उत्पादित ऊर्जा 30,000 किलोग्राम कोयले से उत्पादित बिजली के बराबर है।