पाकिस्तान के अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने वाली ऐक्टिविस्ट करीमा बलोच का शव कनाडा के टोरंटो में पाया गया है। वह कनाडा में निर्वासन में रह रही थीं। करीमा पीएम मोदी को भाई की तरह मानती थीं। तारेक फतह ने कहा कि इसके पीछे पाकिस्तान के गंदे हाथ हैं।
हालांकि उनकी मौत के बारे में अभी कुछ साफ नहीं हो पाया है। वह पिछले तीन दिनों से लापता थीं। कनाडा में शरण लेने वाली करीमा बलोच को 2016 में दुनिया की सबसे प्रभावशाली 100 महिलाओं की सूची में शामिल किया गया था। वह ऐसी महिला थीं जिन्होंने पाकिस्तान के अत्याचार की दास्तां संयुक्त राष्ट्र में भी बयां की थी। यह इस तरह का पहला मामला नहीं है। इसी तरह मई में बलूच पत्रकार साजिद हुसैन मृत पाए गए थे।
पाकिस्तान करीमा बलूच को रॉ एजेंट मानता था। बलूचिस्तान ऐसा प्रांत है जिसमें संसाधनों की कमी नहीं है, लेकिन पाकिस्तान केवल इनका दोहन करता है। पिछले 15 साल से बलूचिस्तान में विद्रोह तेज हो गया है। यहां सेना अकसर क्रूरता करती है और लोगों को बेवजह जेलों में बंद कर देती है। कई बलूच नेताओं की हत्या भी कर दी गई। करीमा बलोच ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह पीएम मोदी को अपना भाई मानती हैं।
उन्होंने यह भी कहा था कि सभी बलोच महिलाएं उनकी तरफ उम्मीद की नजर से देख रही हैं। वह बलूचिस्तान छात्र संगठन की चेयर पर्सन रह चुकी हैं। उन्होंने पीएम मोदी को भाई कहकर संबोधित किया था और कहा था कि वह अंतरराष्ट्रीय फोरम पर मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाएं। रक्षाबंधन के मौके पर ट्विटर पर राखी शेयर करते हुए उन्होंने पीएम मोदी के सामने गुहार लगाई थी।
उन्होंने कहा था कि कई बलोच बहनों के भाई लापता हैं और उन्हें अपने भाई का इंतजार है। इस लड़ाई में उनका साथ दे रहे हमाल हैदर से उन्होंने शादी की थी। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को बेनकाब करने का काम करती थीं इसीलिए पाकिस्तान की नजरों में हमेशा खटकती रहीं।
पाकिस्तान के अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने वाली ऐक्टिविस्ट करीमा बलोच का शव कनाडा के टोरंटो में पाया गया है। वह कनाडा में निर्वासन में रह रही थीं। करीमा पीएम मोदी को भाई की तरह मानती थीं। तारेक फतह ने कहा कि इसके पीछे पाकिस्तान के गंदे हाथ हैं।
हालांकि उनकी मौत के बारे में अभी कुछ साफ नहीं हो पाया है। वह पिछले तीन दिनों से लापता थीं। कनाडा में शरण लेने वाली करीमा बलोच को 2016 में दुनिया की सबसे प्रभावशाली 100 महिलाओं की सूची में शामिल किया गया था। वह ऐसी महिला थीं जिन्होंने पाकिस्तान के अत्याचार की दास्तां संयुक्त राष्ट्र में भी बयां की थी। यह इस तरह का पहला मामला नहीं है। इसी तरह मई में बलूच पत्रकार साजिद हुसैन मृत पाए गए थे।
पाकिस्तान करीमा बलूच को रॉ एजेंट मानता था। बलूचिस्तान ऐसा प्रांत है जिसमें संसाधनों की कमी नहीं है, लेकिन पाकिस्तान केवल इनका दोहन करता है। पिछले 15 साल से बलूचिस्तान में विद्रोह तेज हो गया है। यहां सेना अकसर क्रूरता करती है और लोगों को बेवजह जेलों में बंद कर देती है। कई बलूच नेताओं की हत्या भी कर दी गई। करीमा बलोच ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह पीएम मोदी को अपना भाई मानती हैं।
उन्होंने यह भी कहा था कि सभी बलोच महिलाएं उनकी तरफ उम्मीद की नजर से देख रही हैं। वह बलूचिस्तान छात्र संगठन की चेयर पर्सन रह चुकी हैं। उन्होंने पीएम मोदी को भाई कहकर संबोधित किया था और कहा था कि वह अंतरराष्ट्रीय फोरम पर मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाएं। रक्षाबंधन के मौके पर ट्विटर पर राखी शेयर करते हुए उन्होंने पीएम मोदी के सामने गुहार लगाई थी।
उन्होंने कहा था कि कई बलोच बहनों के भाई लापता हैं और उन्हें अपने भाई का इंतजार है। इस लड़ाई में उनका साथ दे रहे हमाल हैदर से उन्होंने शादी की थी। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को बेनकाब करने का काम करती थीं इसीलिए पाकिस्तान की नजरों में हमेशा खटकती रहीं।