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संयुक्त अरब अमीरात ने मई में कतर की सरकारी न्यूज एजेंसी को हैक किए जाने के आरोपों को खारिज किया है। वाशिंगटन पोस्ट ने अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के हवाले से कहा कि यूएई ने गुप्त रूप से कतर के शासकों के खिलाफ अपशब्द पोस्ट किए। हालांकि यूएई ने इसे मनगढ़ंत बताया। इस घटना की वजह से कतर और उसके पड़ोसी मुल्कों के बीच तकरार शुरू हो गई। यूएई के विदेश मामलों के मंत्री अनवर गार्गश ने सोमवार को बीबीसी को बताया कि पोस्ट को लेकर आई रिपोर्ट सही नहीं थी।
उन्होंने यह भी कहा कि यूएई और पांच अन्य अरब देशों ने फीफा को ऐसा कोई पत्र नहीं लिखा जिसमें कतर को 2022 वर्ल्ड कप की मेजबानी से बाहर करने की बात हो। स्विस न्यूज नेटवर्क 'द लोकल' के मुताबिक, शनिवार को एक वेबसाइट पर फीफा के प्रेसिडेंट गियान्नी इन्फैंटिनो के हवाले से एक फर्जी खबर लिखी गई थी। वॉशिंगटन पोस्ट ने अमेरिकी खुफिया अधिकारी के नाम का जिक्र किए बगैर कहा कि हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट से पता चला कि 23 मई को यूएई सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की एक मीटिंग में कतर की सरकारी मीडिया वेबसाइट को हैक करने की योजना पर चर्चा हुई थी।
इस मामले में कतर के एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी को किसी अज्ञात ने हैक किया था। यूएई, सऊदी अरब, बहराइन और मिस्र ने कतर की मीडिया पर रोक लगा दी थी। दो सप्ताह बाद चारों देशों ने कतर पर आतंकवाद का समर्थन करने और ईरान से संबंध रखने के आरोप में अपने संबंध तोड़ लिए। अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने वॉशिंगटन पोस्ट को बताया कि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यूएई ने कतर की न्यूज एजेंसी खुद हैक की है या किसी अन्य को पैसे देकर ये काम करवाया है। बीते महीने द गार्डियन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि अमेरिकी केंद्रीय जांच एजेंसी (एफबीआई) ने पता लगाया है कि इस हैकिंग के पीछे रूस के फ्रीलांस हैकर्स का हाथ है।
संयुक्त अरब अमीरात ने मई में कतर की सरकारी न्यूज एजेंसी को हैक किए जाने के आरोपों को खारिज किया है। वाशिंगटन पोस्ट ने अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के हवाले से कहा कि यूएई ने गुप्त रूप से कतर के शासकों के खिलाफ अपशब्द पोस्ट किए। हालांकि यूएई ने इसे मनगढ़ंत बताया। इस घटना की वजह से कतर और उसके पड़ोसी मुल्कों के बीच तकरार शुरू हो गई। यूएई के विदेश मामलों के मंत्री अनवर गार्गश ने सोमवार को बीबीसी को बताया कि पोस्ट को लेकर आई रिपोर्ट सही नहीं थी।
उन्होंने यह भी कहा कि यूएई और पांच अन्य अरब देशों ने फीफा को ऐसा कोई पत्र नहीं लिखा जिसमें कतर को 2022 वर्ल्ड कप की मेजबानी से बाहर करने की बात हो। स्विस न्यूज नेटवर्क 'द लोकल' के मुताबिक, शनिवार को एक वेबसाइट पर फीफा के प्रेसिडेंट गियान्नी इन्फैंटिनो के हवाले से एक फर्जी खबर लिखी गई थी। वॉशिंगटन पोस्ट ने अमेरिकी खुफिया अधिकारी के नाम का जिक्र किए बगैर कहा कि हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट से पता चला कि 23 मई को यूएई सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की एक मीटिंग में कतर की सरकारी मीडिया वेबसाइट को हैक करने की योजना पर चर्चा हुई थी।
इस मामले में कतर के एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी को किसी अज्ञात ने हैक किया था। यूएई, सऊदी अरब, बहराइन और मिस्र ने कतर की मीडिया पर रोक लगा दी थी। दो सप्ताह बाद चारों देशों ने कतर पर आतंकवाद का समर्थन करने और ईरान से संबंध रखने के आरोप में अपने संबंध तोड़ लिए। अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने वॉशिंगटन पोस्ट को बताया कि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यूएई ने कतर की न्यूज एजेंसी खुद हैक की है या किसी अन्य को पैसे देकर ये काम करवाया है। बीते महीने द गार्डियन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि अमेरिकी केंद्रीय जांच एजेंसी (एफबीआई) ने पता लगाया है कि इस हैकिंग के पीछे रूस के फ्रीलांस हैकर्स का हाथ है।