कतर ने अपने
आतंक निरोधी कानून में बदलाव की घोषणा की है।
शेख तमीम बिन हमद अल थानी की ओर से जारी नए आदेश में नागरिकों और आतंकी संगठनों की दो राष्ट्रीय सूची बनाई गई है। इसके साथ ही ऐसे मापदंड भी बनाए गए हैं जिनके आधार पर लोगों और संगठनों को उक्त सूची में शामिल किया जाएगा।
बता दें कि कतर और अरब देशों के बीच चल रहे संकट में आतंकवाद ही सबसे विवादित मुद्दा रहा है। अरब देश कतर पर इस्लामिक कट्टरपंथियों को समर्थन करने का आरोप लगाते रहे हैं। नए मापदंडों में आतंकियों, आतंकी अपराधों, आतंकी संगठनों और आतंक के वित्तपोषण की व्याख्या की गई है।
गौरतलब है कि कतर द्वारा की गई यह नई घोषणा आतंक के वित्तपोषण से निबटने के लिए किए गए अमेरिका-कतर समझौते के बाद सामने आई है। इस समझौते को खाड़ी देशों ने नकार दिया था। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मिस्र बीते पांच जून से आतंकवाद के मसले पर कतर का बहिष्कार कर रहे हैं।
कतर ने अपने आतंक निरोधी कानून में बदलाव की घोषणा की है। शेख तमीम बिन हमद अल थानी की ओर से जारी नए आदेश में नागरिकों और आतंकी संगठनों की दो राष्ट्रीय सूची बनाई गई है। इसके साथ ही ऐसे मापदंड भी बनाए गए हैं जिनके आधार पर लोगों और संगठनों को उक्त सूची में शामिल किया जाएगा।
बता दें कि कतर और अरब देशों के बीच चल रहे संकट में आतंकवाद ही सबसे विवादित मुद्दा रहा है। अरब देश कतर पर इस्लामिक कट्टरपंथियों को समर्थन करने का आरोप लगाते रहे हैं। नए मापदंडों में आतंकियों, आतंकी अपराधों, आतंकी संगठनों और आतंक के वित्तपोषण की व्याख्या की गई है।
गौरतलब है कि कतर द्वारा की गई यह नई घोषणा आतंक के वित्तपोषण से निबटने के लिए किए गए अमेरिका-कतर समझौते के बाद सामने आई है। इस समझौते को खाड़ी देशों ने नकार दिया था। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मिस्र बीते पांच जून से आतंकवाद के मसले पर कतर का बहिष्कार कर रहे हैं।