आपको यह खबर अजीब लग सकती हैं, लेकिन यह सच है कि बैंक ऑफ इंग्लैंड की सबसे बड़ी और सुरक्षित तिजोरियों के अंदर सहेज कर रखे हुए हैं वो नोट जिन्हें 'जायंट' यानी दैत्याकार और 'टाईटन' या असाधारण कहा जाता है।
इन नोटों के यह नाम बेवजह नहीं है, नाही यह बेवजह है कि इन नोटों को आम लोगों के प्रयोग के लिए बाजार में नहीं उतारा जाता।
दरअसल यह नोट इतने बड़े मूल्य के हैं हम में से ज्यादातर इतने पैसे का केवल सपना भर देख सकते हैं। जो गिने चुने इतने दौलतमंद हैं उनमें भी यह हिम्मत नहीं होगी कि इन नोटों को बटुए में मोड़ कर रख लें और निकल पड़ें सैर पर।
आप में से बहुत से लोगों ने बैंक ऑफ इंग्लैंड के जारी किए हुए पांच, 10, 20, 50 पाउंड का नोट तो देखे होंगे लेकिन क्या आपने कभी देखा है करीब 100 मिलियन पाउंड का नोट। 100 मिलियन यानी साढ़े आठ सौ करोड़ भारतीय रुपयों के बराबर का नोट।
नीलामीघर स्पिंक के बैंक नोट विभाग के प्रमुख बार्न्बे फॉल कहते हैं कि बहुत से लोग ऐसा सोचते हैं कि अगर दस लाख पाउंड का नोट होता तो क्या मज़ा आता, लेकिन वो नहीं जानते की दरअसल ऐसे नोट होते हैं। एक दस लाख पाउंड के नोट को जायंट कह कर पुकारा जाता है और 100 मिलियन के नोट को 'टाइटन' कहा जाता है।
अहम किरदार
ऐसा नहीं की बैंक ऑफ इंग्लैंड इन नोटों को तिजोरी में रखने के लिए छापता हो। दरअसल यह नोट बैंक ऑफ इंग्लैंड की मुद्रा व्यवस्था में अहम किरदार अदा करते हैं। यह नोट नॉर्दन आयरलैंड और स्कॉटलैंड के बैंको के द्वारा जारी किए गए नोटों की असली साख के बराबर होते हैं।
स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड के नोटों की साख पर विश्व बाजार में केवल इसलिए शंका नहीं की जाती क्योंकि उनके पीछे बैंक ऑफ़ इंग्लैण्ड की गारंटी रहती है। स्कॉटिश और आयरिश बैंक को हर नोट छपवाने के पहले उतने ही मूल्य की चांदी जमा करानी पड़ती है।
इसलिए अगर किसी कारण से स्कॉटिश नोट चलन से बाहर हो जाते हैं तो उन्हें तत्काल बैंक ऑफ इंग्लैंड के नोटों से बदला जा सकता है। बैंक ऑफ़ इंग्लैंड की विक्टोरिया क्लीलैंड कहती हैं कि अगर किसी दिन दुर्भाग्यवश नोट जारी करने वाला कोई बैंक दिवालिया हो जाता है तो जिन लोगों के पास उन बैंको नोट हैं उनकी कीमत बरकरार रहेगी।
इसलिए स्कॉटिश और आयरिश बैंक उन नोटों का मूल्य चुकाते हैं जिन्हें बैंक ऑफ़ इंग्लैंड जायंट और टाइटन कहता है। प्रचलन में मौजूद बैंक ऑफ़ इंग्लैंड के बाकी नोट व्यावसायिक प्रिंटर छापते हैं लेकिन इन नोटों को बैंक ऑफ़ इंग्लैंड खुद छापता है और बड़ी हिफाज़त से रखता है।
किस्सों में मौजूद
आज तक ऐसा कभी कभार ही हुआ है जब बैंक ऑफ़ इंग्लैंड का दस लाख का नोट बैंक से बाहर गया हो। नीलामीघर स्पिंक के बैंक नोट विभाग के प्रमुख बार्न्बे फॉल बताते हैं कि बहुत पहले दस लाख पाउंड के एक नोट का नमूना एक रिटायर हो रहे मुख्य कैशियर को दिया गया था।
उस आदमी की मृत्यु के बाद जब उसकी विधवा पत्नी ने उस नोट को नीलाम किया तो नीलामीघर से यह आग्रह किया गया कि वो इस नीलामी को प्रचारित प्रसारित ना करें क्योंकी यह आम लोगों की नजरों के लिए नहीं बना है।
इस तरह के बड़े मूल्य के नोट महान अमेरिकी कथाकार मार्क ट्विन की लिखी एक कहानी की याद दिलाते हैं। इस कहानी में एक बेहद गरीब जहाजी को इसी तरह का नोट दे दिया गया था। कहानी का नाम था क्लिक करें 'द मिलियन पाउंड बैंक नोट'। और गरीब आदमी को इस बात का कतई अंदाज नहीं था कि दो अमीर भाइयों की शर्त के चलते उसे वो नोट उधार दिया गया है।
एक भाई का कहना था कि यह नोट बेकार साबित होगा, दूसरा मानता था कि इस नोट के चलते हर कोई उसको उधार देने को तैयार होगा जिसके हाथ में नोट हैं चाहे उस आदमी को कोई दुकान वाला उस नोट के खुल्ले दे पाए ना पाए।
संकट का चिन्ह
वैसे बड़े मूल्य के नोट ब्रिटेन की उस समय भी मदद कर सकते हैं जब वहां महंगाई चरम पर हो। बैंक ऑफ इंग्लैंड के संग्रहालय में 1920 का जर्मनी का जारी किया हुआ एक नोट है जो की 20 खराब संख्या का है।
पिछले साल दिसंबर में जब महारानी एलिज़ाबेथ बैंक ऑफ इंग्लैंड गईं थीं तो उन्होंने एक दस लाख पाउंड के एक नोट पर दस्तखत किए थे। यह नोट अब बैंक ऑफ़ इंग्लैंड के संग्रहालय की शान बढ़ा रहा है। हालांकि ये औपचारिक तौर पर जारी नोट नहीं है।