चीन उइगर मुसलमानों को जानबूझकर निशाना बनाने में लगा हुआ है। हाल ही में लीक हुई एक खुफिया रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। लीक हुई रिपोर्ट में 300 से ज्यादा उइगर मुस्लिमों को उनके परिवारों के साथ नजरबंद करने का जिक्र है।
इसके अलावा 2000 से ज्यादा उनके रिश्तेदारों, पड़ोसियों और दोस्तों के नाम भी शामिल हैं। डाटाबेस में नजरबंद किए गए व्यक्ति का नाम, पता, राष्ट्रीय पहचान नंबर, हिरासत की तारीख व स्थान दर्ज है। इसके अलावा संबंधित व्यक्ति के परिवार, धर्म और अड़ोसी-पड़ोसियों की पूरी जानकारी जुटाई गई है। रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि उसे हिरासत में क्यों लिया गया था।
इस जानकारी से यह पता चला है कि चीन आखिर किस आधार यह फैसला करता है कि किसे हिरासत में लेना है और किसे नहीं। चीन ने अपने यहां उइगर मुसलमानों पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए डिटेंशन कैंप तैयार किए हैं। यह डाटाबेस बताता है कि चीन में किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने का प्रमुख फोकस धर्म ही है। जबकि प्रशासन अक्सर दावा करता रहता है कि वह सिर्फ राजनीतिक विरोधियों को हिरासत में ले रहा है।
भेदभाव से इनकार करता रहा है चीन
बीजिंग हमेशा इस बात से इनकार करता रहा है कि चीन में धर्म के आधार पर उइगर मुसलमानों के साथ भेदभाव किया जाता है। वह बार—बार इसी बात पर जोर देता है कि डिटेंशन कैंप सिर्फ वैकल्पिक नौकरी दिलाने की ट्रेनिंग के लिए है।
लाखों उइगर मुस्लिम नजरबंद
बीते छह साल में चीन ने अपने आतंकवाद विरोधी अभियान के नाम पर 20 लाख उइगर मुस्लिमों को हिरासत में रखा हुआ है। चीन इसे वोकेशनल ट्रेनिंग कैंप बताता है, लेकिन पूर्व बंदियों के आरोप हैं कि उन्हें तमाम तरह की यातनाएं दी जाती हैं। उन पर चिकित्सीय परीक्षण किए जाते हैं और उनकी महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है।
चीन उइगर मुसलमानों को जानबूझकर निशाना बनाने में लगा हुआ है। हाल ही में लीक हुई एक खुफिया रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। लीक हुई रिपोर्ट में 300 से ज्यादा उइगर मुस्लिमों को उनके परिवारों के साथ नजरबंद करने का जिक्र है।
इसके अलावा 2000 से ज्यादा उनके रिश्तेदारों, पड़ोसियों और दोस्तों के नाम भी शामिल हैं। डाटाबेस में नजरबंद किए गए व्यक्ति का नाम, पता, राष्ट्रीय पहचान नंबर, हिरासत की तारीख व स्थान दर्ज है। इसके अलावा संबंधित व्यक्ति के परिवार, धर्म और अड़ोसी-पड़ोसियों की पूरी जानकारी जुटाई गई है। रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि उसे हिरासत में क्यों लिया गया था।
इस जानकारी से यह पता चला है कि चीन आखिर किस आधार यह फैसला करता है कि किसे हिरासत में लेना है और किसे नहीं। चीन ने अपने यहां उइगर मुसलमानों पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए डिटेंशन कैंप तैयार किए हैं। यह डाटाबेस बताता है कि चीन में किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने का प्रमुख फोकस धर्म ही है। जबकि प्रशासन अक्सर दावा करता रहता है कि वह सिर्फ राजनीतिक विरोधियों को हिरासत में ले रहा है।
भेदभाव से इनकार करता रहा है चीन
बीजिंग हमेशा इस बात से इनकार करता रहा है कि चीन में धर्म के आधार पर उइगर मुसलमानों के साथ भेदभाव किया जाता है। वह बार—बार इसी बात पर जोर देता है कि डिटेंशन कैंप सिर्फ वैकल्पिक नौकरी दिलाने की ट्रेनिंग के लिए है।
लाखों उइगर मुस्लिम नजरबंद
बीते छह साल में चीन ने अपने आतंकवाद विरोधी अभियान के नाम पर 20 लाख उइगर मुस्लिमों को हिरासत में रखा हुआ है। चीन इसे वोकेशनल ट्रेनिंग कैंप बताता है, लेकिन पूर्व बंदियों के आरोप हैं कि उन्हें तमाम तरह की यातनाएं दी जाती हैं। उन पर चिकित्सीय परीक्षण किए जाते हैं और उनकी महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है।