पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को छोड़ने की धमकी दी है। न्यूज एजेंसी एएफपी से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार (23 मार्च) को इजरायल की निंदा करते हुए पांच प्रस्तावों को स्वीकार किए जाने के बाद यूएस ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद छोड़ने की बात कही है।
संयुक्त राष्ट्र की अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने अपने एक बयान में कहा कि परिषद इजरायल के खिलाफ पूरी तरह से पक्षपाती थी। उन्होंने कहा कि परिषद ने उत्तर कोरिया, ईरान और सीरिया को अलग-अलग रूप से लक्षित करने वाले तीन प्रस्तावों को अपनाया था।
हेली ने आगे कहा कि जब मानवाधिकार परिषद इजरायल को उत्तर कोरिया, ईरान और सीरिया से भी बदतर मानती है, तो यह परिषद ही है जो अपने नाम को मूर्ख और अयोग्य साबित करती है।
उन्होने कहा कि हमारा धैर्य असीमित नहीं है। परिषद की कार्रवाइयों ने स्पष्ट किया कि संगठन में मानव अधिकारों के लिए एक सच्चे अधिवक्ता होने की विश्वसनीयता में कमी है।
बता दें कि जब से डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभाला उसके बाद से यूएस ने यूएन सांस्कृतिक एजेंसी UNESCO की फंडिंग में कटौती की और साथ ही यूएन समर्थित पेरिस जलवायु समझौते से खुद को अलग कर लिया था।
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को छोड़ने की धमकी दी है। न्यूज एजेंसी एएफपी से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार (23 मार्च) को इजरायल की निंदा करते हुए पांच प्रस्तावों को स्वीकार किए जाने के बाद यूएस ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद छोड़ने की बात कही है।
संयुक्त राष्ट्र की अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने अपने एक बयान में कहा कि परिषद इजरायल के खिलाफ पूरी तरह से पक्षपाती थी। उन्होंने कहा कि परिषद ने उत्तर कोरिया, ईरान और सीरिया को अलग-अलग रूप से लक्षित करने वाले तीन प्रस्तावों को अपनाया था।
हेली ने आगे कहा कि जब मानवाधिकार परिषद इजरायल को उत्तर कोरिया, ईरान और सीरिया से भी बदतर मानती है, तो यह परिषद ही है जो अपने नाम को मूर्ख और अयोग्य साबित करती है।
उन्होने कहा कि हमारा धैर्य असीमित नहीं है। परिषद की कार्रवाइयों ने स्पष्ट किया कि संगठन में मानव अधिकारों के लिए एक सच्चे अधिवक्ता होने की विश्वसनीयता में कमी है।
बता दें कि जब से डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभाला उसके बाद से यूएस ने यूएन सांस्कृतिक एजेंसी UNESCO की फंडिंग में कटौती की और साथ ही यूएन समर्थित पेरिस जलवायु समझौते से खुद को अलग कर लिया था।