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इस बार राष्ट्रीय खेल पुरस्कार नेशनल स्पोर्ट्स डे पर वितरित नहीं किए जाएंगे। दद्दा ध्यानचंद के जन्म दिवस पर 29 अगस्त को आयोजित होने वाला राष्ट्रीय राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समारोह इस बार एशियाई खेलों के बाद होगा।
यही नहीं दो सितंबर को जकार्ता एशियाई खेलों के समापन के बाद ही अवॉर्ड चयन कमेटी बैठेगी। इसके बाद राष्ट्रपति कार्यलय से नई तिथि लेकर राष्ट्रपति भवन में समारोह आयोजित किया जाएगा। खेल मंत्रालय एशियाई खेलों के पदक विजेताओं के प्रदर्शन को भी इस बार संज्ञान में ले सकता है।
परंपरा रही है कि देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन अवॉर्ड, ध्यानचंद, द्रोणाचार्य अवॉर्ड, राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार हमेशा राष्ट्रीय खेल दिवस पर राष्ट्रपति के हाथों वितरित किए जाते हैं। अब तक सिर्फ एक अपवाद रहा है जब विवादों के चलते 2013 में यह समारोह 29 अगस्त की बजाय 31 अगस्त को आयोजित किया गया था।
उस दौरान कृष्णा पूनिया ने अवार्ड कमेटी के चयन पर सवालिया निशान लगा दिए थे। साथ ही कई खिलाड़ी कोर्ट में चले गए थे, जिसके चलते समारोह को दो दिन आगे बढ़ाना पड़ा, लेकिन इस बार कारण दूसरा है। एशियाई खेल 16 अगस्त से दो सितंबर तक आयोजित होने हैं।
मंत्रालय यह नहीं चाहता है कि इतना बड़ा समारोह एशियाई खेलों केबीच में आयोजित किया जाए। बेहतर यह रहेगा कि समारोह और अवार्ड कमेटी की बैठक एशियाई खेलों के बाद आयोजित कर ली जाए। यही कारण है कि मंत्रालय ने अब तक अवार्ड कमेटी का भी चयन नहीं किया है।
एशियाई खेलों के मेडलिस्टों को दावेदार बनाने पर मंथन
खेल मंत्रालय ने गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं को इस बार के राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों का दावेदार बनाए जाने पर सकारात्मक संकेत दिए हैं, लेकिन एशियाई खेलों के पदक विजेता दावेदार बनेंगे या नहीं इस पर फैसला नहीं हुआ है। इस पर सरकार उल्लेखनीय प्रदर्शन आने पर अवार्ड कमेटी की बैठक के दौरान सुओ मोटो ले सकती है। नियमानुसार 31 दिसंबर 2017 तक का प्रदर्शन ही मान्य होगा।
इस बार राष्ट्रीय खेल पुरस्कार नेशनल स्पोर्ट्स डे पर वितरित नहीं किए जाएंगे। दद्दा ध्यानचंद के जन्म दिवस पर 29 अगस्त को आयोजित होने वाला राष्ट्रीय राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समारोह इस बार एशियाई खेलों के बाद होगा।
यही नहीं दो सितंबर को जकार्ता एशियाई खेलों के समापन के बाद ही अवॉर्ड चयन कमेटी बैठेगी। इसके बाद राष्ट्रपति कार्यलय से नई तिथि लेकर राष्ट्रपति भवन में समारोह आयोजित किया जाएगा। खेल मंत्रालय एशियाई खेलों के पदक विजेताओं के प्रदर्शन को भी इस बार संज्ञान में ले सकता है।
परंपरा रही है कि देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन अवॉर्ड, ध्यानचंद, द्रोणाचार्य अवॉर्ड, राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार हमेशा राष्ट्रीय खेल दिवस पर राष्ट्रपति के हाथों वितरित किए जाते हैं। अब तक सिर्फ एक अपवाद रहा है जब विवादों के चलते 2013 में यह समारोह 29 अगस्त की बजाय 31 अगस्त को आयोजित किया गया था।
उस दौरान कृष्णा पूनिया ने अवार्ड कमेटी के चयन पर सवालिया निशान लगा दिए थे। साथ ही कई खिलाड़ी कोर्ट में चले गए थे, जिसके चलते समारोह को दो दिन आगे बढ़ाना पड़ा, लेकिन इस बार कारण दूसरा है। एशियाई खेल 16 अगस्त से दो सितंबर तक आयोजित होने हैं।
मंत्रालय यह नहीं चाहता है कि इतना बड़ा समारोह एशियाई खेलों केबीच में आयोजित किया जाए। बेहतर यह रहेगा कि समारोह और अवार्ड कमेटी की बैठक एशियाई खेलों के बाद आयोजित कर ली जाए। यही कारण है कि मंत्रालय ने अब तक अवार्ड कमेटी का भी चयन नहीं किया है।
एशियाई खेलों के मेडलिस्टों को दावेदार बनाने पर मंथन
खेल मंत्रालय ने गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं को इस बार के राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों का दावेदार बनाए जाने पर सकारात्मक संकेत दिए हैं, लेकिन एशियाई खेलों के पदक विजेता दावेदार बनेंगे या नहीं इस पर फैसला नहीं हुआ है। इस पर सरकार उल्लेखनीय प्रदर्शन आने पर अवार्ड कमेटी की बैठक के दौरान सुओ मोटो ले सकती है। नियमानुसार 31 दिसंबर 2017 तक का प्रदर्शन ही मान्य होगा।