Republic Day Google Doodle: आज भारत 74वां गणतंत्र दिवस ( 74th Republic Day) मना रहा है। इस मौके पर गूगल ने खास डूडल बनाकर देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामना संदेश दिया है। गणतंत्र दिवस पर बनाए गए डूडल को अहमदाबाद, गुजरात के गेस्ट-कलाकार 'पार्थ कोथेकर' ने तैयार किया है। इस डूडल की खास बात यह है कि हाथ से पेपर काटकर इसको बनाया गया है। इसमें देश की राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर होने वाली झांकी को चित्रित किया गया है।
आज के खास गूगल डूडल (Google Doodle) में गणतंत्र दिवस परेड की कई झलकियां देखने को मिली हैं। इसमें राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, सीआरपीएफ मार्चिंग दल और मोटरसाइकिल सवार दस्ता को दिखाया गया है। गूगल ने यूट्यूब (YouTube) पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें दिखाया गया है कि पेपर काटकर इस डूडल को कैसे तैयार किया गया है। कलाकार पार्थ ने बताया कि इसे तैयार करने में 4 दिन का समय लगा है।
गूगल के डूडल ने दिखाई भारत की छवि
गूगल ने गणतंत्र दिवस पर बनाए गए खास डूडल में भारत की सुंदर छवि को दिखाया है। इस पेपर आर्ट में घुड़सवार, सीआरपीएफ की मार्चिंग, भारत का राष्ट्रीय पक्षी-मोर भी दिख रहा है। गूगल ने डूडल के माध्यम से 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत की संस्कृति और परंपरा को दर्शाने की कोशिश की है।
गणतंत्र दिवस का किया सम्मान
भारत ने आज के ही दिन साल 1950 में संविधान को अपनाया था। इसके साथ ही खुद को एक संप्रभु, लोकतांत्रिक और गणतंत्र राज्य घोषित किया था। साल 1947 में भारत ने ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्रता प्राप्त की जिसके बाद अपने संविधान का मसौदा तैयार किया। भारत की संविधान सभा में संविधान के दस्तावेज पर चर्चा, संशोधन और अनुमोदन करने में दो साल का समय लग गया और फिर इसे अपनाया गया। भारत सबसे लंबा लिखित संविधान वाला देश बन गया।
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जानिए कौन हैं पार्थ कोथेकर
गुजरात के अहमदाबाद में जन्मे पार्थ कोथेकर को पेपरकट आर्टवर्क के लिए जाना जाता है। वह कागज की एक ही शीट पर हाथ से कई अलग-अलग डिजाइन बना देते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि वह ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि वह पढ़ाई में अच्छे नहीं थे। इसलिए उन्होंने हाईस्कूल की पढ़ाई के बाद एनिमेशन सीखने में अपना ध्यान लगा दिया।
बीच में छोड़ दी एनिमेशन की पढ़ाई
पार्थ कोथेकर एक संस्थान से एनिमेशन की पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन उन्होंने बीच में पढ़ाई छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने पूरी तरह से अपना ध्यान स्केचिंग में लगाया और इस कला को महारत हासिल कर ली।
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इस तरह मिली पहचान
शुरुआत में पार्थ शौकिया तौर पर इस आर्टवर्क को करते थे, लेकिन धीरे-धीरे इसे अपना पेशा बना लिया। पार्थ के अनुसार, अहमदाबाद के कनोरिया कॉर्नर में उन्होंने सबसे पहले एक प्रदर्शनी का आयोजन किया और लोगों को अपना काम दिखाया। उनके काम को लोगों ने पसंद किया। उनको इससे देश-विदेश में पहचान मिली और उनकी एक हैंड पेपर कट कलाकार के तौर पर पहचान बन गई।
आज के खास गूगल डूडल (Google Doodle) में गणतंत्र दिवस परेड की कई झलकियां देखने को मिली हैं। इसमें राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, सीआरपीएफ मार्चिंग दल और मोटरसाइकिल सवार दस्ता को दिखाया गया है। गूगल ने यूट्यूब (YouTube) पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें दिखाया गया है कि पेपर काटकर इस डूडल को कैसे तैयार किया गया है। कलाकार पार्थ ने बताया कि इसे तैयार करने में 4 दिन का समय लगा है।
गूगल के डूडल ने दिखाई भारत की छवि
गूगल ने गणतंत्र दिवस पर बनाए गए खास डूडल में भारत की सुंदर छवि को दिखाया है। इस पेपर आर्ट में घुड़सवार, सीआरपीएफ की मार्चिंग, भारत का राष्ट्रीय पक्षी-मोर भी दिख रहा है। गूगल ने डूडल के माध्यम से 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत की संस्कृति और परंपरा को दर्शाने की कोशिश की है।
गणतंत्र दिवस का किया सम्मान
भारत ने आज के ही दिन साल 1950 में संविधान को अपनाया था। इसके साथ ही खुद को एक संप्रभु, लोकतांत्रिक और गणतंत्र राज्य घोषित किया था। साल 1947 में भारत ने ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्रता प्राप्त की जिसके बाद अपने संविधान का मसौदा तैयार किया। भारत की संविधान सभा में संविधान के दस्तावेज पर चर्चा, संशोधन और अनुमोदन करने में दो साल का समय लग गया और फिर इसे अपनाया गया। भारत सबसे लंबा लिखित संविधान वाला देश बन गया।
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जानिए कौन हैं पार्थ कोथेकर
गुजरात के अहमदाबाद में जन्मे पार्थ कोथेकर को पेपरकट आर्टवर्क के लिए जाना जाता है। वह कागज की एक ही शीट पर हाथ से कई अलग-अलग डिजाइन बना देते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि वह ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि वह पढ़ाई में अच्छे नहीं थे। इसलिए उन्होंने हाईस्कूल की पढ़ाई के बाद एनिमेशन सीखने में अपना ध्यान लगा दिया।
बीच में छोड़ दी एनिमेशन की पढ़ाई
पार्थ कोथेकर एक संस्थान से एनिमेशन की पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन उन्होंने बीच में पढ़ाई छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने पूरी तरह से अपना ध्यान स्केचिंग में लगाया और इस कला को महारत हासिल कर ली।
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इस तरह मिली पहचान
शुरुआत में पार्थ शौकिया तौर पर इस आर्टवर्क को करते थे, लेकिन धीरे-धीरे इसे अपना पेशा बना लिया। पार्थ के अनुसार, अहमदाबाद के कनोरिया कॉर्नर में उन्होंने सबसे पहले एक प्रदर्शनी का आयोजन किया और लोगों को अपना काम दिखाया। उनके काम को लोगों ने पसंद किया। उनको इससे देश-विदेश में पहचान मिली और उनकी एक हैंड पेपर कट कलाकार के तौर पर पहचान बन गई।