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उत्तर पूर्वी राज्यों की सैर और उस पर चलती ट्रेन में क्लासरूम। दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों को आने वाले दिनों में कुछ ऐसा ही अनुभव मिलने जा रहा है।
डीयू की ज्ञानोदय एक्सप्रेस में क्लासरूम की व्यवस्था की गई है। इसमें एक साथ करीब 70 छात्रों को पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। क्लासरूम में प्रोजेक्टर लगाए गए हैं। ट्रेन में इस तरह के इंतजाम हैं कि अन्य कोच में बैठे हुए छात्र भी प्रोजेक्ट से संबंधित पढ़ाई का लाभ ले सकेंगे।
ज्वाइंट डीन, स्टूडेंट वेलफेयर और मीडिया को-ऑर्डिनेटर मलय नीरव ने बताया कि इस बार पूर्वोत्तर राज्यों में छात्रों को सिखाने नहीं, सीखने के लिए और दिखाने नहीं, देखने के लिए लेकर जा रहे हैं। यह ट्रेन 18 दिसंबर को दिल्ली से रवाना होगी और वापसी 29 दिसंबर को होगी। इसमें लगभग 900 छात्र और शिक्षक जा रहे हैं।
ज्ञानोदय एक्सप्रेस में एक क्लासरूम बनाया गया है, जिसमें 70 छात्रों की क्लास चल सकेगी। मालूम हो कि इस ट्रेन में पहले से ही लाइब्रेरी और इंटरनेट की व्यवस्था है, जिससे कि छात्रों को अपने प्रोजेक्ट को करने में आसानी हो। अब क्लासरूम होने से उन्हें अपने प्रोजेक्ट को करने में पहले से ज्यादा आसानी होगी। जिस राज्य में ट्रेन प्रवेश करेगी और जो प्रोजेक्ट होगा, उसके बारे में क्लासरूम में जानकारी दी जाती रहेगी।
मलय नीरव ने बताया कि ट्रेन को पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में लेकर जाया जा रहा है, लिहाजा वहां की सभ्यता-संस्कृति, आजादी की लड़ाई में राज्यों का योगदान, स्थानीय समस्याओं से संबंधित पहलू, स्थानीय निवासियों की भूमिका और शिक्षा के विकास के बारे में जानकारी दी जाएगी।
उत्तर पूर्वी राज्यों की सैर और उस पर चलती ट्रेन में क्लासरूम। दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों को आने वाले दिनों में कुछ ऐसा ही अनुभव मिलने जा रहा है।
डीयू की ज्ञानोदय एक्सप्रेस में क्लासरूम की व्यवस्था की गई है। इसमें एक साथ करीब 70 छात्रों को पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। क्लासरूम में प्रोजेक्टर लगाए गए हैं। ट्रेन में इस तरह के इंतजाम हैं कि अन्य कोच में बैठे हुए छात्र भी प्रोजेक्ट से संबंधित पढ़ाई का लाभ ले सकेंगे।
ज्वाइंट डीन, स्टूडेंट वेलफेयर और मीडिया को-ऑर्डिनेटर मलय नीरव ने बताया कि इस बार पूर्वोत्तर राज्यों में छात्रों को सिखाने नहीं, सीखने के लिए और दिखाने नहीं, देखने के लिए लेकर जा रहे हैं। यह ट्रेन 18 दिसंबर को दिल्ली से रवाना होगी और वापसी 29 दिसंबर को होगी। इसमें लगभग 900 छात्र और शिक्षक जा रहे हैं।
ज्ञानोदय एक्सप्रेस में एक क्लासरूम बनाया गया है, जिसमें 70 छात्रों की क्लास चल सकेगी। मालूम हो कि इस ट्रेन में पहले से ही लाइब्रेरी और इंटरनेट की व्यवस्था है, जिससे कि छात्रों को अपने प्रोजेक्ट को करने में आसानी हो। अब क्लासरूम होने से उन्हें अपने प्रोजेक्ट को करने में पहले से ज्यादा आसानी होगी। जिस राज्य में ट्रेन प्रवेश करेगी और जो प्रोजेक्ट होगा, उसके बारे में क्लासरूम में जानकारी दी जाती रहेगी।
मलय नीरव ने बताया कि ट्रेन को पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में लेकर जाया जा रहा है, लिहाजा वहां की सभ्यता-संस्कृति, आजादी की लड़ाई में राज्यों का योगदान, स्थानीय समस्याओं से संबंधित पहलू, स्थानीय निवासियों की भूमिका और शिक्षा के विकास के बारे में जानकारी दी जाएगी।