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संत रामपाल के कारनामों को लेकर मचा बवाल अभी थमा भी नहीं था कि एक और बाबा पर यौन शोषण के आरोप सामने आ गए हैं। ऑस्ट्रेलिया की रहने वाली एक महिला ने भारत के चर्चित योग गुरु पर ड्रग्स देकर यौन शोषण करने के आरोप लगाए हैं।
महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि योगगुरू ने बच्चों को भूखा रखा और उन्हें ड्रग्स देकर टॉर्चर भी किया। यही नहीं, योग गुरु और उसके शिष्यों ने बच्चों के साथ अपाकृतिक सेक्स किया और लड़कियों के साथ दुष्कर्म किया।
सिडनी में बाल यौन शोषण के रॉयल कमिशन में मामले से संबधित सबूत पेश करते हुए पीड़ित महिला ने बताया कि योग गुरू ने ऑस्ट्रेलिया और भारत में बने अपने आश्रमों में उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया है।
महिला ने यह भी आरोपी लगाया कि योगगुरु ने उसे आश्रम में रहने वाले लोगों के सामने बुरी तरह तड़पाया था।
सबके सामने किये ऐसे-ऐसे कांड
एसएमएच की रिपोर्ट के अनुसार, जनता के बीच संयम, पवित्रता और तपस्या का उपदेश देने वाला योग गुरु सत्यानंद आश्रम में बंद दरवाजों के अंदर हैवान बन जाता था और मासूम बच्चों व नाबालिग लड़कियों की इज्जत लूटता था।
ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स में रहने वाली महिला भक्ति मैनिंग का आरोप है कि दुनिया भर में योग का महत्व बताने वाले योगगुरू ने 1970 से 1980 के बीच भारत में अपने आश्रम में उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया।
भक्ति ने कमिशन को बताया कि पहली बार उसका शोषण तब हुआ जब वह 15 साल की थी। योग गुरू और उसके एक अन्य साथी ने ऑस्ट्रेलिया में मौजूद उनके आश्रम में उसके साथ दुष्कर्म किया था। इसके बाद उन्होंने बिहार के मुगेर में बने आश्रम में ले जाकर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया।
योग गुरु ने उसे सबसे सामने संबंध बनाने के लिए मजबूर किया और कमरे में महिलाओं और अन्य लोगों की मौजूदगी में घिनौनी हरकतें कीं। यही नहीं, जब उसे गुस्सा आता था तो वह और भी दरिंदा बन जाता था और हिंसा करने लगता था। उसने आश्रम के दूसरे 'संतो' के सामने उसे निर्वस्त्र किया।
'आश्रम में छिपा था सीरियल रेपिस्ट'
भक्ति ने कहा कि आश्रम में हैवानियत करने वाले योगगुरु के श्रद्घालु उसे संत के रूप में पूजते थे। वर्ष 2009 में उसकी मौत हो गई थी। पीड़िता की बड़ी बहन को भी आश्रम में यह सब दुर्व्यवहार झेलने पड़े हैं। आश्रम में बाबा के साथी स्वामी अखंडानंद के इशारे पर लड़कियों का यौन शोषण किया जाता था।
1974 में आश्रम की स्थापना करने वाला अखंडानंद एक सीरियर अपराधी था और उसने एक के बाद एक कई लड़कियों की आबरू लूटी। भक्ति ने बताया कि स्वामी ने उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद कहा था कि उसे जो भी दर्द हुआ है वह उसकी कुंडलिनी की ऊर्जा को जगाने के लिए किया गया है।
अखंडानंद ने घटनाओं के बारे में किसी से भी जिक्र करने पर उसे जान से मारने की धमकी दी थी।
भक्ति ने आश्रम के इतिहास की पड़ताल की और फिर उस पर कानूनी कार्रवाई करने की सोची तो उसे दोबारा धमकियां दी गईं। हालांकि पहले उसने इसलिए यह मामला नहीं उठाया था क्योंकि उसे लगता था कि आश्रम में योग के नाम पर हो रहे यौन शोषण को कोई भी अपराध नहीं मानेगा।
11 पीड़िताएं आईं सामने
नाबालिग लड़कियों और बच्चों से यौन शोषण के आरोप में अखंडानंद को 1989 में दोषी पाया गया था। हालांकि 1991 में उस पर लगे सभी आरोप पलट गए।
1997 में ज्यादा शराब पीने के चलते उसकी मौत हो गई थी। आश्रम में छेड़छाड़ और रेप के मामलों में अभी तक 11 पीड़िताएं सामने आई हैं। जिनके बयान अगले दो हफ्ते में दर्ज किए जाने हैं। इनमें से 9 पीड़िताएं सबूत भी पेश करेंगी।
सत्यानंद योग आश्रम का नाम बदलकर अब सदाबहार योग आश्रम कर दिया गया है। किसी भी तरह की छेड़छाड़ या यौन प्रताड़ना पर आश्रम ने कभी भी कोई कानूनी कार्रवाई करने की जिम्मेदारी नहीं ली।
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