पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
आज के दौर में यदि किसी कारोबारी की कंपनी को रेटिंग प्राप्त है, तो उसके लिए बैंक से कर्ज लेना आसान हो जाता है। ऐसे में यह जरूरी है कि छोटे और मझोले कारोबारी भी अपने उपक्रम की रेटिंग कराएं। इस क्षेत्र के कारोबारियों में रेटिंग प्राप्त करने की संख्या में कमी को देखते हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय रेटिंग कराने के लिए लगने वाले शुल्क पर 40 हजार रुपये तक की सहायता दे रहा है।
रेटिंग मिलने पर कारोबारियों को बैंकों से भी सामान्य दर की तुलना में 0.50 फीसदी से लेकर 1.0 फीसदी तक सस्ती दर पर कर्ज मिल जाता है। मंत्रालय की क्रेडिट रेटिंग स्कीम को नेशनल स्मॉल इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन (एनएसआईसी) चला रहा है।
छोटे-मझोले कारोबारी भी कराएं कंपनी की रेटिंग
किसे मिलता है फायदा: नोडल एजेंसी के रूप में काम करने वाली एनएसआईसी के जरिए छोटे कारोबारी (माइक्रो एंड स्मॉल) स्कीम का फायदा उठा सकते हैं। इसके तहत, अपने उपक्रम की रेटिंग कराने पर कारोबारियों को रेटिंग एजेंसी द्वारा ली जाने वाली फीस पर सहायता मिलती है।
कितनी मिलती है सहायता
सहायता की दर उपक्रम के कारोबार के आधार पर तीन वर्ग में बांटी गई है। सालाना 50 लाख रुपये तक के टर्नओवर वाली इकाई पर रेटिंग के लिए लगने वाले शुल्क की 75 फीसदी राशि या अधिकतम 25,000 रुपये की सहायता मिलती है। इसी तरह, 50 लाख रुपये से ज्यादा और दो करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाली इकाई पर रेटिंग शुल्क की 75 फीसदी राशि या अधिकतम 30 हजार रुपये की सहायता मिलती है। जबकि दो करोड़ रुपये से ज्यादा के टर्नओवर वाली इकाई पर रेटिंग शुल्क की 75 फीसदी राशि या अधिकतम 40 हजार रुपये की सहायता मिलती है।
किन एजेंसियों से मिलती है रेटिंग
एनएसआईसी की परफार्मेंस एंड क्रेडिट रेटिंग स्कीम के तहत देश की प्रमुख रेटिंग एजेंसियां जुड़ी हैं। इसके तहत केअर, क्रिसिल, इंडिया रेटिंग, इकरा, ऑनइक्रा, एसएमईआरए, ब्रिकवर्क रेटिंग्स और डन एंड ब्रैडस्ट्रीट (अब एनएसआईसी-डी एंड बी-एसएमईआरए रेटिंग है) रेटिंग एजेंसियां जुड़ी हुई हैं। स्कीम के तहत कारोबारी किसी भी रेटिंग एजेंसी से अपने उपक्रम की रेटिंग कराने के लिए स्वतंत्र होते हैं। रेटिंग के लिए ली जाने वाली शुल्क की राशि सभी एजेंसियों की अलग-अलग होती है। पर उस पर मिलने वाली छूट की सीमा सभी के लिए समान होती है।
कैसे करें आवेदन
आवेदन फार्म एनएसआईसी के सभी कार्यालय, पैनल से जुड़ी रेटिंग एजेंसियों के कार्यालय से कारोबारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा वह फार्म एनएसआईसी, रेटिंग एजेंसियों या फिर इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की वेबसाइट से भी प्राप्त कर सकते हैं। फार्म भरने के बाद आवेदन दो प्रतियों में कारोबारी द्वारा एनएसआईसी की शाखा या कार्यालय या फिर रेटिंग एजेंसी को दिया जाएगा। रेटिंग एजेंसी द्वारा एक महीने के भीतर इकाई को रेटिंग दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
आज के दौर में यदि किसी कारोबारी की कंपनी को रेटिंग प्राप्त है, तो उसके लिए बैंक से कर्ज लेना आसान हो जाता है। ऐसे में यह जरूरी है कि छोटे और मझोले कारोबारी भी अपने उपक्रम की रेटिंग कराएं। इस क्षेत्र के कारोबारियों में रेटिंग प्राप्त करने की संख्या में कमी को देखते हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय रेटिंग कराने के लिए लगने वाले शुल्क पर 40 हजार रुपये तक की सहायता दे रहा है।
रेटिंग मिलने पर कारोबारियों को बैंकों से भी सामान्य दर की तुलना में 0.50 फीसदी से लेकर 1.0 फीसदी तक सस्ती दर पर कर्ज मिल जाता है। मंत्रालय की क्रेडिट रेटिंग स्कीम को नेशनल स्मॉल इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन (एनएसआईसी) चला रहा है।
छोटे-मझोले कारोबारी भी कराएं कंपनी की रेटिंग
किसे मिलता है फायदा: नोडल एजेंसी के रूप में काम करने वाली एनएसआईसी के जरिए छोटे कारोबारी (माइक्रो एंड स्मॉल) स्कीम का फायदा उठा सकते हैं। इसके तहत, अपने उपक्रम की रेटिंग कराने पर कारोबारियों को रेटिंग एजेंसी द्वारा ली जाने वाली फीस पर सहायता मिलती है।
कितनी मिलती है सहायता
सहायता की दर उपक्रम के कारोबार के आधार पर तीन वर्ग में बांटी गई है। सालाना 50 लाख रुपये तक के टर्नओवर वाली इकाई पर रेटिंग के लिए लगने वाले शुल्क की 75 फीसदी राशि या अधिकतम 25,000 रुपये की सहायता मिलती है। इसी तरह, 50 लाख रुपये से ज्यादा और दो करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाली इकाई पर रेटिंग शुल्क की 75 फीसदी राशि या अधिकतम 30 हजार रुपये की सहायता मिलती है। जबकि दो करोड़ रुपये से ज्यादा के टर्नओवर वाली इकाई पर रेटिंग शुल्क की 75 फीसदी राशि या अधिकतम 40 हजार रुपये की सहायता मिलती है।
किन एजेंसियों से मिलती है रेटिंग
एनएसआईसी की परफार्मेंस एंड क्रेडिट रेटिंग स्कीम के तहत देश की प्रमुख रेटिंग एजेंसियां जुड़ी हैं। इसके तहत केअर, क्रिसिल, इंडिया रेटिंग, इकरा, ऑनइक्रा, एसएमईआरए, ब्रिकवर्क रेटिंग्स और डन एंड ब्रैडस्ट्रीट (अब एनएसआईसी-डी एंड बी-एसएमईआरए रेटिंग है) रेटिंग एजेंसियां जुड़ी हुई हैं। स्कीम के तहत कारोबारी किसी भी रेटिंग एजेंसी से अपने उपक्रम की रेटिंग कराने के लिए स्वतंत्र होते हैं। रेटिंग के लिए ली जाने वाली शुल्क की राशि सभी एजेंसियों की अलग-अलग होती है। पर उस पर मिलने वाली छूट की सीमा सभी के लिए समान होती है।
कैसे करें आवेदन
आवेदन फार्म एनएसआईसी के सभी कार्यालय, पैनल से जुड़ी रेटिंग एजेंसियों के कार्यालय से कारोबारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा वह फार्म एनएसआईसी, रेटिंग एजेंसियों या फिर इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की वेबसाइट से भी प्राप्त कर सकते हैं। फार्म भरने के बाद आवेदन दो प्रतियों में कारोबारी द्वारा एनएसआईसी की शाखा या कार्यालय या फिर रेटिंग एजेंसी को दिया जाएगा। रेटिंग एजेंसी द्वारा एक महीने के भीतर इकाई को रेटिंग दिए जाने का प्रावधान किया गया है।