घर, वाहन और कारोबार सहित दूसरे कर्ज लेने वालों के लिए अच्छी खबर है। रिजर्व बैंक ने नौ महीने के बाद अपनी प्रमुख दरों (रेपो रेट, रिवर्स रेपो और सीआरआर) में 0.25 फीसदी की कमी कर दी है। इससे सभी तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे, जिसकी घोषणा बैंक जल्द ही ग्राहकों के लिए कर सकते हैं। बैंकों के इस कदम का फायदा फ्लोटिंग रेट पर कर्ज लेने वाले मौजूदा ग्राहकों सहित नए ग्राहकों को मिलेगा।
मंगलवार को रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक समीक्षा नीति में रेपो रेट 8.0 फीसदी से घटाकर 7.75 फीसदी और सीआरआर 4.25 फीसदी से घटाकर 4.0 फीसदी कर दी है। आरबीआई के इस कदम से बाजार में 18 हजार करोड़ रुपये की नकदी भी आएगी, जिससे बैंक ज्यादा कर्ज मुहैया करा सकेंगे। रिजर्व बैंक ने रेपो दरों में कटौती तत्काल प्रभाव से लागू कर दी है, जबकि सीआरआर में कटौती 9 फरवरी से प्रभावी होगी।
रेपो रेट में नौ महीने बाद की गई कमी इस बात का भी संकेत है कि अब आरबीआई का प्रमुख जोर महंगाई की जगह विकास पर है। मंगलवार को मौद्रिक नीति पेश करते वक्त आरबीआई के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कहा कि महंगाई सितंबर, 2012 के 8.1 फीसदी की तुलना में दिसंबर में 7.2 फीसदी पर आ गई है। जो एक अच्छा संकेत है। साथ ही इसके मार्च, 2013 तक 6.8 फीसदी पर आने की संभावना है। ऐसे में आज के कदम से हमें उम्मीद है कि निवेश में बढ़ोतरी होगी, जिसका असर विकास दर पर सकारात्मक रूप में होगा।
प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार सी. रंगराजन ने भी आरबीआई के कदम का समर्थन करते हुए कहा है कि इससे आर्थिक विकास दर में तेजी आएगी। साथ ही यदि महंगाई में और कमी आती है तो ब्याज दरों में और कमी हो सकती है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने भी आरबीआई के फैसले का स्वागत किया है।
भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन प्रतीप चौधरी के अनुसार रिजर्व बैंक के रेपो रेट और सीआरआर में कमी करने के बाद ब्याज दरों में कमी आने का माहौल बनेगा। स्टेट बैंक इस दिशा में कदम उठाएगा। वहीं, ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक एसएल बंसल के अनुसार बैंक जल्द ही ब्याज दरों में कमी करेंगे। हालांकि ब्याज दरों में कितनी कमी होगी, इसका फैसला एसेट लाइबेलिटी कमेटी की बैठक में ही लिया जाएगा। जहां तक जमा दरों में कमी की बात है, तो उसमें ज्यादा कमी नहीं आएगी।
ग्राहकों के लिए एक अच्छी बात यह भी है कि बैंक कर्ज की दरों में भले ही कमी करने की बात कर रहे हैं, पर उसी के अनुरूप जमा दरों में ज्यादा कमी की संभावना नहीं देख रहे हैं। हालांकि आईडीबीआई ने कुछ जमा दरों में कटौती की घोषणा कर दी है।
आईडीबीआई से कर्ज सस्ता
आरबीआई के फैसले के बाद देर शाम आईडीबीआई ने कर्ज सस्ता करने की शुरुआत कर दी। बैंक ने 1 फरवरी से अपने बेस रेट और प्रधान ब्याज दर (बीपीएलआर) में 0.25 फीसदी की कमी करने की घोषणा की है। इससे फ्लोटिंग रेट पर कर्ज लेने वाले मौजूदा और नए ग्राहकों को सस्ते कर्ज का फायदा मिलेगा। बैंक ने जमा दरों में भी 0.25 फीसदी की कमी की घोषणा की है।
विकास दर रहेगी कम
आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष में विकास दर के अनुमान को 5.8 फीसदी से घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया है।
आज के कदम से हमें उम्मीद है कि निवेश में बढ़ोतरी होगी, जिसका असर विकास दर पर सकारात्मक रूप में होगा।
- डी. सुब्बाराव, गवर्नर, भारतीय रिजर्व बैंक
सीआरआर में कटौती से बैंकिंग तंत्र में नकदी की मात्रा बढ़ेगी। जिसका असर बैंकों की ओर से ज्यादा कर्ज देने के रूप में दिखाई देगा।
- मोंटेक सिंह अहलूवालिया, उपाध्यक्ष, योजना आयोग
- होम लोन, ऑटो लोन और कारोबार के लिए भी सस्ता होगा कर्ज।
- रेपो रेट 7.75 फीसदी और सीआरआर 4.0 फीसदी पर आया।
- सीआरआर में कटौती 9 फरवरी से होगी प्रभावी।
- आरबीआई ने अपना फोकस विकास पर किया।
- मार्च के महंगाई दर के अनुमान को 7.5 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी किया।