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मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ग्रोथ के बेहतर आंकड़ों के बावजूद रेटिंग एजेंसी मूडीज ने बुधवार को कहा है कि राजकोषीय घाटे और महंगाई का ऊंचा स्तर देश की सॉवरेन रेटिंग में सुधार की संभावनाओं को सीमित कर रहा है।
मूडीज की इनवेस्टर्स सर्विस का कहना है कि बड़ी और डायवर्स अर्थव्यवस्था में मजबूत ग्रोथ से क्रेडिट से जुड़ी चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी, लेकिन राजकोषीय घाटा और महंगाई सॉवरेन रेंटिंग में सुधार को सीमित करता है। पहली तिमाही में जीडीपी की दर 5.7 फीसदी और चालू खाता घाटा जीडीपी का 1.7 फीसदी रहने के आंकड़े जारी होने के बाद मूडीज ने यह टिप्पणी की है।
केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा 4.1 फीसदी रखने का लक्ष्य किया है लेकिन पहले चार माह में ही लक्ष्य का 61 फीसदी खप चुका है। मूडीज का कहना है कि पहली तिमाही में ग्रोथ के बेहतर आंकड़ों से देश में कर राजस्व और पूंजी का प्रवाह बढ़ाने में मदद मिलेगी।
रेटिंग एजेंसी का यह भी कहना है कि अगर केंद्र सरकार ऐसी नीतियों को लागू कर सकी, जिससे महंगाई कम हो और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़े, तो अर्थव्यवस्था को लेकर संभावनाएं बेहतर होंगी।
मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ग्रोथ के बेहतर आंकड़ों के बावजूद रेटिंग एजेंसी मूडीज ने बुधवार को कहा है कि राजकोषीय घाटे और महंगाई का ऊंचा स्तर देश की सॉवरेन रेटिंग में सुधार की संभावनाओं को सीमित कर रहा है।
मूडीज की इनवेस्टर्स सर्विस का कहना है कि बड़ी और डायवर्स अर्थव्यवस्था में मजबूत ग्रोथ से क्रेडिट से जुड़ी चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी, लेकिन राजकोषीय घाटा और महंगाई सॉवरेन रेंटिंग में सुधार को सीमित करता है। पहली तिमाही में जीडीपी की दर 5.7 फीसदी और चालू खाता घाटा जीडीपी का 1.7 फीसदी रहने के आंकड़े जारी होने के बाद मूडीज ने यह टिप्पणी की है।
केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा 4.1 फीसदी रखने का लक्ष्य किया है लेकिन पहले चार माह में ही लक्ष्य का 61 फीसदी खप चुका है। मूडीज का कहना है कि पहली तिमाही में ग्रोथ के बेहतर आंकड़ों से देश में कर राजस्व और पूंजी का प्रवाह बढ़ाने में मदद मिलेगी।
रेटिंग एजेंसी का यह भी कहना है कि अगर केंद्र सरकार ऐसी नीतियों को लागू कर सकी, जिससे महंगाई कम हो और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़े, तो अर्थव्यवस्था को लेकर संभावनाएं बेहतर होंगी।