पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
वैश्वीकरण से पैदा अवसरों का फायदा उठाने के लिए भागीदारी बढ़ाने के संकल्प के साथ मंगलवार को यहां सीआईआई पार्टनरशिप समिट 2013 का समापन हुआ। सम्मेलन के आखिरी दिन विश्व स्तर पर सेवाओं और वस्तुओं की आपूर्ति में उभरती अर्थव्यवस्थाओं की भूमिका पर आयोजित सत्र में वैश्वीकरण का अधिकतम लाभ लेने के लिए जरूरी रणनीति पर चर्चा हुई।
इस सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धा परिषद (एनएमसीसी) के सदस्य सचिव अजय शंकर ने कहा कि गत दो दशक में ही भारत वैश्वीकरण का फायदा उठाने की स्थिति में पहुंचा है। उन्होंने भरोसा जताया कि निजी क्षेत्र का निवेश उभरती अर्थव्यवस्थाओं का कायाकल्प कर सकता है।
मैसेडोनिया के विदेशी निवेश मंत्री बिल पावलेस्की ने यूरोप का गेटवे कहे जाने वाले अपने देश में उपलब्ध मौकों की जानकारी दी। पावलेस्की ने बताया कि दुनिया में कारोबारी सहूलियत में मैसेडोनिया 22वे नंबर पर है और मुक्त व्यापार पर जोर दे रहा है।
पापुआ न्यू गिनी के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री रिचर्ड मरू ने विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आर्थिक सहयोग व भागीदारी पर जोर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सीआईआई उत्तर क्षेत्र के अध्यक्ष और फोर्टिस हेल्थकेयर के कार्यकारी अध्यक्ष मलविंदर मोहन सिंह ने मुक्त व्यापार समझौतों का लाभ उठाने और निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने से जुड़े मुद्दों पर बात की।
आसियान देशों के बीच सहयोग जरूरी
सीआआई पार्टनरशिप समिट में भाग लेने आए पूर्वी एशियाई देशों के प्रतिनिधियों ने आसियान देशों के बीच मुक्त व्यापार पर जोर दिया है। वियतनाम के वाणिज्य एवं उद्योग उपमंत्री निगुयेन कैम टू ने कहा कि ‘आसियान+6’ के बीच क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौते को लेकर चल रही बातचीत वैश्विक अर्थव्यवस्था का कायाकल्प करेगी।
इससे देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ेगा और ऊंची आर्थिक वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि गत नवंबर में कंबोडिया में हुए आसियान सम्मेलन में दस आसियान देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू हुई थी। अगर, आरसीईपी समझौते पर सहमति बन जाती है, तो यह 10 आसियान व छह अन्य देशों के बीच विश्व का सबसे बड़ा मुक्त व्यापार क्षेत्र होगा। तीन अरब से ज्यादा आबादी वाले इन देशों की विश्व व्यापार में करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी है।
वैश्वीकरण से पैदा अवसरों का फायदा उठाने के लिए भागीदारी बढ़ाने के संकल्प के साथ मंगलवार को यहां सीआईआई पार्टनरशिप समिट 2013 का समापन हुआ। सम्मेलन के आखिरी दिन विश्व स्तर पर सेवाओं और वस्तुओं की आपूर्ति में उभरती अर्थव्यवस्थाओं की भूमिका पर आयोजित सत्र में वैश्वीकरण का अधिकतम लाभ लेने के लिए जरूरी रणनीति पर चर्चा हुई।
इस सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धा परिषद (एनएमसीसी) के सदस्य सचिव अजय शंकर ने कहा कि गत दो दशक में ही भारत वैश्वीकरण का फायदा उठाने की स्थिति में पहुंचा है। उन्होंने भरोसा जताया कि निजी क्षेत्र का निवेश उभरती अर्थव्यवस्थाओं का कायाकल्प कर सकता है।
मैसेडोनिया के विदेशी निवेश मंत्री बिल पावलेस्की ने यूरोप का गेटवे कहे जाने वाले अपने देश में उपलब्ध मौकों की जानकारी दी। पावलेस्की ने बताया कि दुनिया में कारोबारी सहूलियत में मैसेडोनिया 22वे नंबर पर है और मुक्त व्यापार पर जोर दे रहा है।
पापुआ न्यू गिनी के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री रिचर्ड मरू ने विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आर्थिक सहयोग व भागीदारी पर जोर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सीआईआई उत्तर क्षेत्र के अध्यक्ष और फोर्टिस हेल्थकेयर के कार्यकारी अध्यक्ष मलविंदर मोहन सिंह ने मुक्त व्यापार समझौतों का लाभ उठाने और निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने से जुड़े मुद्दों पर बात की।
आसियान देशों के बीच सहयोग जरूरी
सीआआई पार्टनरशिप समिट में भाग लेने आए पूर्वी एशियाई देशों के प्रतिनिधियों ने आसियान देशों के बीच मुक्त व्यापार पर जोर दिया है। वियतनाम के वाणिज्य एवं उद्योग उपमंत्री निगुयेन कैम टू ने कहा कि ‘आसियान+6’ के बीच क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौते को लेकर चल रही बातचीत वैश्विक अर्थव्यवस्था का कायाकल्प करेगी।
इससे देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ेगा और ऊंची आर्थिक वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि गत नवंबर में कंबोडिया में हुए आसियान सम्मेलन में दस आसियान देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू हुई थी। अगर, आरसीईपी समझौते पर सहमति बन जाती है, तो यह 10 आसियान व छह अन्य देशों के बीच विश्व का सबसे बड़ा मुक्त व्यापार क्षेत्र होगा। तीन अरब से ज्यादा आबादी वाले इन देशों की विश्व व्यापार में करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी है।