घरेलू अर्थव्यवस्था के हालात खराब होने के संकेतों और यूरोप का वित्तीय संकट गहराने की आशंका से सेंसेक्स 253 अंक लुढ़ककर 15965.16 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 82 अंक की गिरावट के साथ 4,841.60 अंक सिमट गया। बीएसई में बिकवाली का जबरदस्त दबाव रहा।
एफएमसीजी का छोड़कर सभी वर्ग लाल निशान पर रहे। सेंसेक्स के आधार वाली 30 कंपनियों में से महज तीन ही लाभ अर्जित करने में कामयाब रही। बाकी को नुकसान उठाना पड़ा। बीएसई के मिडकैप 86.32 अंक गिरकर 5,821.83 पर और स्मॉल कैप 76.56 अंक घटकर 6,194.44 अंक पर बंद हुआ।
विदेशी बाजारों से मिलेजुले समाचार मिले। यूरोप में स्पेन और यूनान का वित्तीय संकट गहराता जा रहा है। इससे विश्व शेयर बाजारों पर दबाव पड़ रहा है। भारतीय शेयर बाजारों में निवेशक बिकवाल बने हुए हैं।
जीडीपी के निराशाजनक आंकड़ों ने बाजार की धारणा कमजोरी की। बीएसई में कुल 2,798 कंपनियों के शेयरों में खरीद फरोख्त हुई। इनमें से 850 लाभ व 1,830 नुकसान में रही। शेष 118 में कोई बदलाव नहीं हुआ। सेंसेक्स की आधार वाली कंपनियों में गेल इंडिया 2.65 प्रतिशत, आईसीटी 1.54 और सन फार्मा 0.24 का मुनाफा कमाने में कामयाब रही।
घाटा उठाने वाली कंपनियों में टाटा मोटर्स 3.73 प्रतिशत, एलएंडटी 3.22, आरआईएल 3.16, स्टरलाइट इंड 3.08, मारुति सुजुकी 2.94, ओएनजीसी 2.92, एचडीएफसी बैंक 2.87, जिंदल स्टील 2.61, भेल 2.48, टाटा पावर 2.14, इनफोसिस 2.13, हिंदुस्तान यूनी 1.80, विप्रो 1.7, एनटीपीसी 1.77, एचडीएफसी 1.74, टीसीएस 1.69, एसबीआई 1.43, डीएलएफ 1.30, टाटा स्टील 1.20, एमएंडएम 1.05, बजाज ऑटो 0.89, हीरो 0.62, एयरटेल 0.38, सिप्ला 0.36, आईसीआईसीआई बैंक 0.33 और हिंडालको 0.12 प्रतिशत शामिल रही।