ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने जापान को दोहरा झटका देते हुए उसकी दीर्घकालीन विदेशी मुद्रा रेटिंग को दो पायदान घटाकर ‘एए’ से ‘ए प्लस’ कर दिया है। इसके अलावा उसने जापानी मुद्रा येन की रेटिंग में भी एक पायदान की कटौती करते हुए इसे ‘एए माइनस’ से ‘ए प्लस’ में डाल दिया है। इन दोनों को ही फिच ने निगेटिव आउटलुक में डाल दिया है। माना जा रहा है कि फिच के इस कदम से वित्तीय मोर्चे पर जूझ रही जापान सरकार की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं।
अपने इस दोहरे कदम के जरिये फिच ने मंगलवार को जापान की मौद्रिक साख को अब तक के सबसे निचले स्तर पर ला दिया है। फिच ने यह कटौती जापान में चल रहे राजनैतिक गतिरोध के कारण उसके कर्जों की ठीक ढंग से अदायगी की क्षीण होते आसार को देखते हुए की है। इस कटौती के साथ ही जापान के लिए फिच की रेटिंग स्टैंडर्ड एंड पुअर और मूडीज की रेटिंग से भी एक पायदान नीचे खिसक आई है।
फिच द्वारा जापानी मुद्रा की रेटिंग घटाए जाने के बाद शुरुआती कारोबार में येन में नरमी का रुख देखा गया। रेटिंग में कटौती के साथ ही फिच ने जापान को चेताया है कि जापान की सरकार अगर देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में बढ़ते जा रहे राजकोषीय घाटे पर लगाम लगाने के उपाय नहीं करती और नई कारगर वित्तीय नीतियां नहीं बनाई जाती हैं, तो आने वाले दिनों में उसकी रेटिंग में और गिरावट आ सकती है।
फिच के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के प्रभारी एंड्रिव कॉल्कहॉन ने इस संबंध में जारी बयान में कहा है कि जापान सरकार द्वारा वित्तीय पुनर्गठन के लिए उठाए जा रहे कदम काफी कमजोर नजर आ रहे हैं। इसके अलावा देश में जारी मौजूदा राजनीतिक गतिरोध के बीच इनका लागू हो पाना भी संदिग्ध दिख रहा है। ऐसे हालात को देखते हुए ही रेटिंग व आउटलुक में कटौती की गई है।