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Opposition targets Goa CM over HM Amit Shahs remarks on Mhadei water for Karnataka
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महादयी जल विवाद: अमित शाह के बयान पर विपक्षी दलों ने मांगा CM सावंत का इस्तीफा; मंत्री नीलेश ने कही यह बात
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पणजी
Published by: निर्मल कांत
Updated Mon, 30 Jan 2023 06:25 PM IST
सार
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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को एक बयान में कहा था कि महादयी नदी जल विवाद हल हो गया है और नदी का पानी कर्नाटक को दे दिया गया है।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सोमवार को कहा कि महादयी के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा और उनकी सरकार नदी के पानी कको मोड़ने से बचाने के लिए काम कर रही है। महादयी नदी के पानी के बंटवारे को लेकर गोवा और कर्नाटक के बीच वर्षों से खींचतान चल रही है। गोवा कर्नाटक पर समझौतों की अनदेखी करके मामले में एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाता रहा है।
इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक बयान में कहा था कि महादयी नदी जल विवाद हल हो गया है और नदी का पानी दक्षिणी राज्य को दे दिया गया है। इसके बाद शनिवार को विपक्षी दलों ने राज्य के मुख्यमंत्री सावंत के इस्तीफे की मांग की थी। सावंत ने सोमवार को पत्रकारों के सामने इस मुद्दें पर अपनी बात रखी और कहा कि सुप्रीम कोर्ट में गोवा का मजबूत कानूनी रुख है। उन्होंने कहा, इस पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा और सरकार महादयी नदी के पानी को मोड़ने से बचाने के लिए काम कर रही है।
शाह ने बेलगाम में भाजपा की जन संकल्प यात्रा को संबोधित करते हुए शनिवार को कहा था, मैं आपको बताना चाहता हूं कि भाजपा ने दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद को हल करके कर्नाटक को महादयी का पानी दिया है और इस तरह यह सुनिश्चित किया है कि यहां के कई जिलों में किसान को लाभ हो। शाह की टिप्पणियों का हवाला देते हुए विपक्षी दल गोवा की भाजपा नीत सरकार की आलोचना कर रही है। कांग्रेस, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सीएम सावंत के इस्तीफे की मांग की है।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने सोमवार को सावंत की 'चुप्पी' पर सवाल उठाया और शाह की टिप्पणी पर भाजपा और राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। टीएमसी गोवा के संयुक्त संयोजक सामिल वोल्वैकर ने कहा कि शाह के उस बयान के बाद सावंत को इस मुद्दे पर एक स्टैंड लेना चाहिए, जिसमें उन्होंने जिक्र किया था कि महादयी के पानी को मोड़ दिया जाएगा और गोवा सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है। वोल्वैकर ने आरोप लगाया, ''केंद्र और गोवा की भाजपा सरकार ने आगामी कर्नाटक चुनाव जीतने के लिए हमारी जीवनरेखा मां महादी को बेच दिया है।'' उन्होंने हैरानी जतायी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले अपने 'मन की बात' में महत्वपूर्ण महादयी मुद्दे का जिक्र क्यों नहीं किया।
टीएमसी की गोवा महासचिव राखी प्रभुदेसाई नाइक ने भी भाजपा और राज्य सरकार से इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग की। उन्होंने कहा, अमित शाह ने जिक्र किया था कि पानी को मोड़ दिया जाएगा और गोवा सरकार ने सहमति दे दी है। भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए कि कौन झूठ बोल रहा है। चाहे शाह हों या सावंत, उनमें से एक महादयी मुद्दे पर झूठ बोल रहा है।
सावंत सरकार के मंत्री ने खारिज किया शाह का बयान
इस बीच, गोवा सरकार के मंत्री नीलेश काबराल ने महादयी नदी के पानी पर केंद्रीय गृहमंत्री शाह के बयान का खंडन किया है। काबराल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, हमारे मुख्यमंत्री ने महादयी नदी के पानी को मोड़ने पर कोई सहमति नहीं दी है। मुझे पता है कि वह (सावंत) कभी नहीं करेंगे। मुझे नहीं पता कि केंद्रीय गृहमंत्री किस बारे में बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य का एक प्रतिनिधिमंडल शाह से अगली बार मिलने पर इस बयान के बारे में पूछेगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह शाह के बयान की निंदा करते हैं, काबराल ने कहा, निश्चित तौर पर मैं बयान की निंदा करता हूं। हम बेसिन के भीतर पानी के इस्तेमाल के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम कभी पानी को बाहर नहीं जाने देंगे। उन्होंने आगे कहा, अगर (भाजपा) केंद्रीय नेतृत्व महादयी मुद्दे पर गोवा का समर्थन नहीं करता है, तो राज्य डायवर्जन को रोकने के लिए कानूनी सहारा ले सकता है। लोक निर्माण विभाग मंत्री ने कहा कि महादयी नदी पर अंतर-राज्यीय जल विवाद न्यायाधिकरण द्वारा दिया गया फैसला पीने के पानी के उद्देश्य से दिया गया था।
उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि यह बयान (शाह का) कहां से आता है जो सिंचाई के उद्देश्य से पानी का इस्तेमाल करने की बात करता है। काबराल ने कहा कि गोवा का प्रतिनिधिमंडल कुछ सप्ताह पहले शाह से मिलने गया था क्योंकि संविधान के अनुसार दो राज्यों के बीच विवादों को हल करने का अधिकार केंद्रीय गृह मंत्री के पास है।
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