विज्ञापन
Hindi News ›   Business ›   Banking Beema ›   New notes out of circulation only in just two years after releasing

नोटबंदी: दो साल में ही चलन से बाहर होने लगे नए नोट

शिशिर चौरसिया/ नई दिल्ली Updated Wed, 28 Nov 2018 04:06 AM IST
New notes out of circulation only in just two years after releasing
Urjit Patel, RBI
नोटबंदी के बाद बाजार में आए नए नोट दो साल बाद ही चलन से बाहर होने लगे हैं। आलम यह है कि 2,000 और 500 रुपये के नए नोटों के साथ इसी साल जनवरी में जारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल के हस्ताक्षर वाले चॉकलेटी ब्राउन रंग के 10 रुपये के नोट पर भी यह खतरा मंडराने लगा है। इसी के मद्देनजर वाणिज्यिक बैंकों ने इन नोटों को जारी नहीं करने योग्य (नॉन इश्यूबल) की श्रेणी में डालकर चलन से बाहर करना शुरू कर दिया है।


एक अग्रणी सरकारी बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने अमर उजाला को बताया कि आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर से जारी हुए नए नोटों के कागज की गुणवत्ता पहले के नोटों के मुकाबले खराब है। इसलिए नए नोट जल्द खराब हो रहे हैं। एक बार नोट खराब हो जाने पर इन्हें एटीएम में नहीं डाला जा सकता है क्योंकि एटीएम का सेंसर खराब नोटों की गणना में गड़बड़ी कर देता है। अधिकारी का कहना है कि आमतौर पर नए नोटों को दो बार से ज्यादा एटीएम में नहीं डाला जा रहा है। 

नॉन इश्यूबल घोषित करने पर थी पाबंदी
एक अन्य बैंक के अधिकारी ने बताया कि नोटबंदी के बाद जारी हुए नए नोटों को नॉन इश्यूबल घोषित करने पर पाबंदी लगी थी। आरबीआई ने इस संबंध में स्पष्ट हिदायत दे रखा था कि गवर्नर के हस्ताक्षर से जारी नए नोटों को किसी भी सूरत में नॉन इश्यूबल घोषित नहीं किया जा सकता है। लेकिन, बैंकों के दबाव बढऩे के कारण आरबीआई ने जुलाई, 2018 में स्पष्टीकरण जारी करते हुए ऐसे नोटों को नॉन इश्यूबल करने की अनुमति दे दी। 

जल्द खराब हो रहे 10 रुपये के नए नोट
बैंक अधिकारी का कहना है कि 2,000 और 500 रुपये के नए नोट कम खराब हो रहे हैं क्योंकि इनका इस्तेमाल 10 रुपये के नोटों की तरह नहीं होता है। 10 रुपये के नए नोट दिन भर में ही 10 से ज्यादा हाथों से होकर गुजरते हैं, इसलिए ये जल्द खराब हो जाते हैं। हालात यह है कि जनवरी, 2018 में बाजार में आए 10 रुपये के नए नोट अभी से ही नॉन इश्यूबल की श्रेणी में आने लगे हैं, जबकि 10 रुपये के पुराने नोट अभी भी बेहतर स्थिति में हैं।
 

कागज की गुणवत्ता से समझौता नहीं
वित्त मंत्रालय में बैंकिंग डिविजन के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि नए नोटों के कागज की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया गया है। यहां तक कि पुराने नोटों को मुकाबले नए नोटों में सुरक्षा संबंधी ज्यादा फीचर डाले गए हैं ताकि नकली नोटों की छपाई न हो सके। नए नोटों के जल्द खराब होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत में ज्यादातर लोग नोटों को मोड़कर रखते हैं या साड़ी-धोती के किनारे से बांधकर। इसी कारण नोट जल्द खराब हो जाते हैं। 

क्या हैं नॉन इश्यूबल नोट
वाणिज्यिक बैंक वैसे नोटों को नॉन इश्यूबल घोषित करते हैं, जिन्हें न तो एटीएम में डाला जा सकता है और न ही आम लोग स्वीकार करते हैं। गंदे, मटमैले और कटे-फटे नोट जो नॉन इश्यूबल घोषित हो जाते हैं, उन्हें वाणिज्यिक बैंक जमाकर आरबीआई के पास भेज देते हैं। 
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें कारोबार समाचार और Budget 2022 से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। कारोबार जगत की अन्य खबरें जैसे पर्सनल फाइनेंस, लाइव प्रॉपर्टी न्यूज़, लेटेस्ट बैंकिंग बीमा इन हिंदी, ऑनलाइन मार्केट न्यूज़, लेटेस्ट कॉरपोरेट समाचार और बाज़ार आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Independence day

अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर

Next Article

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

app Star

ऐड-लाइट अनुभव के लिए अमर उजाला
एप डाउनलोड करें

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
X
Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

Download App Now

अपना शहर चुनें और लगातार ताजा
खबरों से जुडे रहें

एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed

Reactions (0)

अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं

अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें