न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गुवाहाटी
Updated Thu, 11 Jul 2019 07:06 AM IST
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लकदक स्कूली यूनिफॉर्म पहने बच्चों की क्लासरूम की जगह कीचड़ भरे खेतों से आई फोटो ने देश भर में कौतूहल पैदा किया। बच्चे असम के उदलगुड़ी जिले के एक जूनियर कॉलेज के हैं। यहां छात्रों को शिक्षा के साथ ही ग्रामीण जीवन, खासतौर से खेती से जुड़े कार्यों का अनुभव दिलाने के लिए अनूठी पहल की गई है। पाठ्यक्रम में फसल रोपाई वर्ष 2018 से शामिल की गई थी, जो इस साल भी जारी है।
फार्मिंग प्रैक्टिकल क्लास के तहत जूनियर कॉलेज विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ खेतों में फसल रोपनी होती है। यह उनकी प्रायोगिक कक्षाओं का हिस्सा होगा। उदलगुड़ी जिले के एस्पायर जूनियर कॉलेज के प्रिंसिपल माइहुर्सा बोरो के अनुसार विद्यार्थियों को ग्रामीण जीवन शैली से रूबरू करवाने के लिए पहल की गई है। इसके जरिए वे किसानों की मेहनत को समझ सकेंगे।
इन विद्यार्थियों को शिक्षकों के साथ धान के खेतों में ले जाया गया, जहां उन्होंने किसानों के साथ मिलकर धान रोपे। संस्थान के डायरेक्टर जयंत नाथ के मुताबिक इससे विद्यार्थियों में खेती से जुड़े कार्यों की समझ पैदा होगी। यह एक तरह का स्क्लि डेवलपमेंट है।
यह बच्चों के सर्वांगीण विकास में मदद करेगा। कॉलेज के विद्यार्थियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही है, जिनमें वे स्कूल यूनिफॉर्म पहने धान की रोपाई कर रहे हैं। देश भर में इस पहल को सराहा गया है और ऐसे और प्रयासों की जरूरत बताई गई है।
लकदक स्कूली यूनिफॉर्म पहने बच्चों की क्लासरूम की जगह कीचड़ भरे खेतों से आई फोटो ने देश भर में कौतूहल पैदा किया। बच्चे असम के उदलगुड़ी जिले के एक जूनियर कॉलेज के हैं। यहां छात्रों को शिक्षा के साथ ही ग्रामीण जीवन, खासतौर से खेती से जुड़े कार्यों का अनुभव दिलाने के लिए अनूठी पहल की गई है। पाठ्यक्रम में फसल रोपाई वर्ष 2018 से शामिल की गई थी, जो इस साल भी जारी है।
फार्मिंग प्रैक्टिकल क्लास के तहत जूनियर कॉलेज विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ खेतों में फसल रोपनी होती है। यह उनकी प्रायोगिक कक्षाओं का हिस्सा होगा। उदलगुड़ी जिले के एस्पायर जूनियर कॉलेज के प्रिंसिपल माइहुर्सा बोरो के अनुसार विद्यार्थियों को ग्रामीण जीवन शैली से रूबरू करवाने के लिए पहल की गई है। इसके जरिए वे किसानों की मेहनत को समझ सकेंगे।
इन विद्यार्थियों को शिक्षकों के साथ धान के खेतों में ले जाया गया, जहां उन्होंने किसानों के साथ मिलकर धान रोपे। संस्थान के डायरेक्टर जयंत नाथ के मुताबिक इससे विद्यार्थियों में खेती से जुड़े कार्यों की समझ पैदा होगी। यह एक तरह का स्क्लि डेवलपमेंट है।
यह बच्चों के सर्वांगीण विकास में मदद करेगा। कॉलेज के विद्यार्थियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही है, जिनमें वे स्कूल यूनिफॉर्म पहने धान की रोपाई कर रहे हैं। देश भर में इस पहल को सराहा गया है और ऐसे और प्रयासों की जरूरत बताई गई है।