भारत के साइबर सुरक्षा विभाग ने शनिवार को कहा कि आरोग्य सेतु मोबाइल एप के नाम पर Phishing हमलों में लगातार तेजी देखी जा रही है। विभाग का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी को लेकर यूजर्स में काफी जिज्ञासा है, जिसका साइबर हमलावर फायदा उठा रहे हैं।
अब सबसे पहले यह जान लेते हैं कि Phishing अटैक है क्या? तो यह एक तरह का सोशल इंजीनियरिंग हमला है, जिसका इस्तेमाल अक्सर यूजर्स का डेटा चोरी करने के लिए किया जाता है। इनमें लॉगिन क्रेडेंशियल और क्रेडिट कार्ड नंबर शामिल हैं। यह हमला तब होता है जब एक हमलावर, एक विश्वसनीय इकाई के रूप में, एक पीड़ित यूजर को एक ईमेल, इंस्टेंट मैसेज या संदेश खोलने में धोखा देता है।
इसमें कहा गया है कि यूजर्स का संवेदनशील डेटा चुराने के लिए हमलावर 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' और लोकप्रिय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म जैसे कि जूम एप से लिंक्ड टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।
बता दें कि आरोग्य सेतु एप यूजर्स को सचेत करने के लिए ब्लूटूथ और जीपीएस का इस्तेमाल करता है।
सीईआरटी-इन की तरफ से एडवाइजरी में कहा गया है, "हाल के मामलों में देखा गया है कि थ्रेट एक्टर्स कोरोना वायरस महामारी का फायदा उठा रहे हैं, वो एक्टिविटी, जानकारी और खबरों के नाम पर यूजर्स को उनकी संवेदनशील जानकारी देने के लिए जाल में फंसा रहे हैं।"
बता दें कि कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ऑफ इंडिया (सीईआरटी-इन) साइबर हमलों और भारतीय साइबर स्पेस की रखवाली के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी शाखा है।
इसमें कहा गया है कि साइबर हमलावर जूम, गूगल मीट, माइक्रोसॉफ्ट टीम्स, आरोग्य सेतु एप और डब्लूएचओ जैसे लोकप्रिय वीडियो प्लेटफॉर्म के नाम पर फिशिंग मैसेजेस के जरिए एसएमएस, व्हाट्सएप (फिशिंग) या फिशिंग ईमेल से लोगों के डेटा को चुराते हैं।
इसमें कहा गया है कि साइबर हमलावर पीड़ितों को पहले लुभाने और फिर उन्हें राहत पैकेज, कोरोना के दौरान सुरक्षा सुझाव, कोरोना परीक्षण किट, कोरोना वैक्सीन, भुगतान और दान जैसे लिंक भेजने के लिए नकली डोमेन का उपयोग कर रहे हैं।
भारत के साइबर सुरक्षा विभाग ने शनिवार को कहा कि आरोग्य सेतु मोबाइल एप के नाम पर Phishing हमलों में लगातार तेजी देखी जा रही है। विभाग का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी को लेकर यूजर्स में काफी जिज्ञासा है, जिसका साइबर हमलावर फायदा उठा रहे हैं।
अब सबसे पहले यह जान लेते हैं कि Phishing अटैक है क्या? तो यह एक तरह का सोशल इंजीनियरिंग हमला है, जिसका इस्तेमाल अक्सर यूजर्स का डेटा चोरी करने के लिए किया जाता है। इनमें लॉगिन क्रेडेंशियल और क्रेडिट कार्ड नंबर शामिल हैं। यह हमला तब होता है जब एक हमलावर, एक विश्वसनीय इकाई के रूप में, एक पीड़ित यूजर को एक ईमेल, इंस्टेंट मैसेज या संदेश खोलने में धोखा देता है।
इसमें कहा गया है कि यूजर्स का संवेदनशील डेटा चुराने के लिए हमलावर 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' और लोकप्रिय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म जैसे कि जूम एप से लिंक्ड टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।
बता दें कि आरोग्य सेतु एप यूजर्स को सचेत करने के लिए ब्लूटूथ और जीपीएस का इस्तेमाल करता है।
सीईआरटी-इन की तरफ से एडवाइजरी में कहा गया है, "हाल के मामलों में देखा गया है कि थ्रेट एक्टर्स कोरोना वायरस महामारी का फायदा उठा रहे हैं, वो एक्टिविटी, जानकारी और खबरों के नाम पर यूजर्स को उनकी संवेदनशील जानकारी देने के लिए जाल में फंसा रहे हैं।"
बता दें कि कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ऑफ इंडिया (सीईआरटी-इन) साइबर हमलों और भारतीय साइबर स्पेस की रखवाली के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी शाखा है।
इसमें कहा गया है कि साइबर हमलावर जूम, गूगल मीट, माइक्रोसॉफ्ट टीम्स, आरोग्य सेतु एप और डब्लूएचओ जैसे लोकप्रिय वीडियो प्लेटफॉर्म के नाम पर फिशिंग मैसेजेस के जरिए एसएमएस, व्हाट्सएप (फिशिंग) या फिशिंग ईमेल से लोगों के डेटा को चुराते हैं।
इसमें कहा गया है कि साइबर हमलावर पीड़ितों को पहले लुभाने और फिर उन्हें राहत पैकेज, कोरोना के दौरान सुरक्षा सुझाव, कोरोना परीक्षण किट, कोरोना वैक्सीन, भुगतान और दान जैसे लिंक भेजने के लिए नकली डोमेन का उपयोग कर रहे हैं।