न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 24 Oct 2019 02:52 PM IST
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केंद्र सरकार असम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) समन्वयक प्रतीक हजेला को मध्यप्रदेश स्थानांतरित करने संबंधी औपचारिकताएं पूरी करने की समयसीमा बढ़ाने के लिए गुरुवार को उच्चतम न्यायालय पहुंची। न्यायालय ने केन्द्र और असम सरकार को 18 अक्तूबर को निर्देश दिया था कि हजेला को सात दिनों में उनके मूल राज्य मध्य प्रदेश स्थानांतरित कर दिया जाए।
केंद्र के वकील ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ से गुरुवार को कहा कि हालांकि सरकार ने असम-मेघालय काडर के 1995 बैच के आईएएस अधिकारी को स्थानांतरित करने के लिए कदम उठाए हैं लेकिन प्रक्रियागत औपचारिकताएं पूरी करने में कुछ और समय लगेगा।
न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस ए नजीर भी पीठ में शामिल हैं। पीठ ने कहा कि आप याचिका दायर कीजिए। शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी को अंतिम रूम देने और इसके आंकड़ों के प्रकाशन की संवेदनशील कवायद के लिए हजेला को समन्वयक नियुक्त किया था।
शीर्ष अदालत ने हजेला को अधिक संभव अवधि के लिए अंतर-काडर तबादले पर उनके गृह राज्य में प्रतिनियुक्ति पर भेजने का आदेश दिया।
पीठ की तरफ से इस आदेश को पारित करने की कोई स्पष्ट वजह नहीं की इससे इन अटकलों को बल मिला कि असम राष्ट्रीय नागरिक पंजी को अंतिम रूप से देने के विशाल और संवेदनशील काम की निगरानी के बाद इस अधिकारी को शायद किसी प्रकार के खतरे की आशंका है।
शीर्ष अदालत ने असम राष्ट्रीय नागरिक पंजी संबंधी याचिकाओं को सुनवाई के लिए पहले ही 26 नवंबर के लिए सूचीबद्ध किया है। असम की बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक पंजी अंतिम रूप दिए जाने के बाद 31 अगस्त को प्रकाशित हुई थी और इससे राज्य में 19 लाख से अधिक आवेदकों के नाम बाहर कर दिए गए थे।
राष्ट्रीय नागरिक पंजी में नाम शामिल करने के लिये 3,30,27,661 व्यक्तियों ने आवेदन किया था। इनमें से 3,11,21,004 लोगों को नागरिक पंजी में शामिल किया गया है जबकि 19,06,657 को इससे बाहर रखा गया।
नागरिक पंजी के पहले मसौदे में 1.9 करोड़ लोगों के नाम प्रकाशित हुए थे। यह मसौदा 31 दिसंबर, 2017 की मध्य रात्रि को प्रकाशित किया गया था।
केंद्र सरकार असम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) समन्वयक प्रतीक हजेला को मध्यप्रदेश स्थानांतरित करने संबंधी औपचारिकताएं पूरी करने की समयसीमा बढ़ाने के लिए गुरुवार को उच्चतम न्यायालय पहुंची। न्यायालय ने केन्द्र और असम सरकार को 18 अक्तूबर को निर्देश दिया था कि हजेला को सात दिनों में उनके मूल राज्य मध्य प्रदेश स्थानांतरित कर दिया जाए।
केंद्र के वकील ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ से गुरुवार को कहा कि हालांकि सरकार ने असम-मेघालय काडर के 1995 बैच के आईएएस अधिकारी को स्थानांतरित करने के लिए कदम उठाए हैं लेकिन प्रक्रियागत औपचारिकताएं पूरी करने में कुछ और समय लगेगा।
न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस ए नजीर भी पीठ में शामिल हैं। पीठ ने कहा कि आप याचिका दायर कीजिए। शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी को अंतिम रूम देने और इसके आंकड़ों के प्रकाशन की संवेदनशील कवायद के लिए हजेला को समन्वयक नियुक्त किया था।
शीर्ष अदालत ने हजेला को अधिक संभव अवधि के लिए अंतर-काडर तबादले पर उनके गृह राज्य में प्रतिनियुक्ति पर भेजने का आदेश दिया।
पीठ की तरफ से इस आदेश को पारित करने की कोई स्पष्ट वजह नहीं की इससे इन अटकलों को बल मिला कि असम राष्ट्रीय नागरिक पंजी को अंतिम रूप से देने के विशाल और संवेदनशील काम की निगरानी के बाद इस अधिकारी को शायद किसी प्रकार के खतरे की आशंका है।
शीर्ष अदालत ने असम राष्ट्रीय नागरिक पंजी संबंधी याचिकाओं को सुनवाई के लिए पहले ही 26 नवंबर के लिए सूचीबद्ध किया है। असम की बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक पंजी अंतिम रूप दिए जाने के बाद 31 अगस्त को प्रकाशित हुई थी और इससे राज्य में 19 लाख से अधिक आवेदकों के नाम बाहर कर दिए गए थे।
राष्ट्रीय नागरिक पंजी में नाम शामिल करने के लिये 3,30,27,661 व्यक्तियों ने आवेदन किया था। इनमें से 3,11,21,004 लोगों को नागरिक पंजी में शामिल किया गया है जबकि 19,06,657 को इससे बाहर रखा गया।
नागरिक पंजी के पहले मसौदे में 1.9 करोड़ लोगों के नाम प्रकाशित हुए थे। यह मसौदा 31 दिसंबर, 2017 की मध्य रात्रि को प्रकाशित किया गया था।