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BRO ramping up roads in Arunachal Pradesh districts along LAC
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BRO: चीन से तनातनी के बीच बीआरओ के निर्माण कार्य में तेजी, अरुणाचल के सीमावर्ती क्षेत्रों को कर रहा विकसित
एएनआई, तेजपुर (असम)।
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 20 Dec 2022 12:29 AM IST
सार
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बीआरओ सड़क संपर्क के अलावा, अरुणाचल प्रदेश के तवांग और पश्चिम कामेंग जिलों में दो महत्वपूर्ण सुरंगों के निर्माण कार्यों में भी जुटा हुआ है। ये सुरंगें अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के मुद्दों के मद्देनजर भारतीय सुरक्षा बलों के लिए गेम चेंजर का काम करेंगे।
चीन का मुकाबला करने के लिए बीआरओ अरुणाचल प्रदेश में सीमावर्ती क्षेत्रों को विकसित कर रहा।
- फोटो : ANI
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीन से तनातनी के बीच सीमा सड़क संगठन (BRO) चीन के आक्रामक व्यवहार का मुकाबला करने के लिए अरुणाचल के सीमावर्ती क्षेत्रों को विकसित कर रहा है।बीआरओ सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ प्रमुख ढांचागत विकास कार्यों में लगा हुआ है और सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के सभी सीमावर्ती गांवों को बेहतर संपर्क के लिए सड़कों से जोड़ने की योजना बनाई है।
वर्तक परियोजना के तहत किया जा रहा विकास
बीआरओ सड़क संपर्क के अलावा, अरुणाचल प्रदेश के तवांग और पश्चिम कामेंग जिलों में दो महत्वपूर्ण सुरंगों के निर्माण कार्यों में भी जुटा हुआ है। ये सुरंगें अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के मुद्दों के मद्देनजर भारतीय सुरक्षा बलों के लिए गेम चेंजर का काम करेंगे। बीआरओ वर्तक परियोजना (Project Vartak) के तहत सभी ढांचागत विकास कार्यों में लगा हुआ है। बीआरओ अधिकारियों के अनुसार, 5,700 फीट की ऊंचाई पर नेचिफु सुरंग (Nechiphu Tunnel) का निर्माण का निर्माण किया जा रहा है, जो पश्चिम कामेंग जिले में बालीपारा-चारदुआर-तवांग (बीसीटी) सड़क पर अनोखा 500 मीटर लंबी डी-आकार का सिंगल ट्यूब डबल लेन सुरंग है। इसका निर्माण कार्य पूरा होने के करीब है और सेला दर्रा सुरंग (Sela Pass tunnel) का निर्माण कार्य भी अगले 5-6 महीनों में पूरा हो जाएगा।
सुरंग में दो तरफा यातायात की सुविधा
नेचिफु सुरंग दो तरफा यातायात की सुविधा प्रदान करेगी और आधुनिक प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा सुविधाओं से लैस होगी। इस सुरंग को नेचिफु दर्रे के आसपास व्याप्त अत्यधिक कोहरे की स्थिति से बचने के लिए बनाया गया है। अत्यधिक कोहरे की वजह से कई दशकों से सामान्य यातायात और सैन्य काफिले को बाधा उत्पन्न होती रही है। नेचिफु सुरंग को अत्याधुनिक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल प्रणाली प्रदान की जाएगी जिसमें अग्निशमन उपकरण, ऑटो रोशनी प्रणाली और निरीक्षणात्मक नियंत्रण और डाटा अधिग्रहण (एससीएडीए) नियंत्रित निगरानी प्रणाली शामिल है। इस सुरंग में पैदल चलने वाले यात्रियों के सुरक्षित आवागमन के लिए दोनों तरफ ऊंचे फुटपाथों को भी बनाया जाएगा। फुटपाथ में नागरिक सुविधाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बिजली केबल, ऑप्टिकल फाइबर केबल और यूटिलिटी लाइनों के लिए पाइप लगी होंगी।
सेला दर्रा सुरंग से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा: ब्रिगेडियर रमन कुमार
वर्तक परियोजना के तहत बीआरओ उसी सड़क पर एक अन्य रणनीतिक सुरंग, डबल ट्यूब (1,555 मीटर और 980 मीटर) सेला टनल प्रोजेक्ट के निर्माण कार्यों में भी लगा हुआ है। एएनआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में वर्तक के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर रमन कुमार ने कहा कि सर्दियों के मौसम में वर्तमान सेला दर्रा सड़क पर भारी वाहनों की आवाजाही मुश्किल होती है। उन्होंने कहा कि अब सेला दर्रा सुरंग के निर्माण के साथ पूरे वर्ष यातायात की सुविधा दी जाएगी। इस क्षेत्र में जाने वाले भारी वाहन चाहे वह सुरक्षा बल के हों या निजी उद्योग के सामग्री लेकर जा रहे हों, सेला सुरंग से आसानी से गुजर सकेंगे और तवांग तक उनकी पहुंच खुल जाएगी। साथ ही इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण सुरंग है। बीआरओ देश को यह देकर बहुत खुश और गौरवान्वित महसूस कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सड़कों के अलावा हमारे पास दो महत्वपूर्ण सुरंगें हैं।
रमन कुमार ने कहा कि हमारे पास राष्ट्रीय राजमार्ग, सिंगल-लेन सड़कें, डबल-लेन सड़कें और अन्य प्रकार की सड़कें भी हैं। हम तवांग जिले के दूर-दराज के इलाकों को भी जोड़ना चाहते हैं और इस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सड़क संपर्क और अन्य बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों के अलावा, सरकार तवांग और अरुणाचल प्रदेश के अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी को भी मजबूत करने के लिए काम कर रही है। एलएसी के साथ लगते तवांग और तवांग जिले के अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में ज्यादा मोबाइल टावर लगाए गए हैं।
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