राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में गैस रिसाव की घटना के सिलसिले में एलजी पॉलिमर्स इंडिया पर 50 करोड़ रुपये का अंतरिम जुर्माना लगाया और केंद्र और अन्य से जवाब मांगा। अधिकरण ने कहा, ‘नियमों और अन्य वैधानिक प्रावधानों का पालन करने में विफलता दिखाई देती है।’
न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने गैस लीक मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय एक समिति गठित की और उसे 18 मई से पहले रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा। इस घटना में 11 लोगों की मौत हुई है जबकि 1,000 लोग इससे प्रभावित हुए हैं।
पीठ ने कहा, ‘प्रथम दृष्टया सामने आई जानकारी के अनुसार इस घटना में लोगों की जान गई, जन स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान हुआ है, हम एलजी पॉलिमर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 50 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि जमा कराने के निर्देश देते हैं। यह राशि कंपनी के वित्तीय मूल्य और उससे हुई क्षति की सीमा के संबंध में तय की जा रही है।’
अधिकरण ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, एल जी पॉलिमर्स इंडिया, आंध्र प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, विशाखापत्तनम जिला मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी किए और उनसे मामले की अगली सुनवाई 18 मई से पहले जवाब मांगे।
मामले की जांच के लिए गठित की गई समिति में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी एस रेड्डी, आंध्र विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति वी रामा चन्द्र मूर्ति, आंध्र विश्वविद्यालय, रसायन इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रोफेसर पुलिपति किंग, सीपीसीबी के सदस्य सचिव, सीएसआईआर-भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक और विशाखापत्तनम में एनईईआरआई के प्रमुख शामिल हैं।
अधिकरण ने कहा कि समिति जल्द से जल्द मौके का निरीक्षण कर सकती है और उसे ईमेल से 18 मई से पहले अपनी रिपोर्ट देनी है। समिति को घटनाओं के अनुक्रम, विफलता के कारणों और इस घटना के जिम्मेदार लोगों के बारे में रिपोर्ट देनी है जिनकी वजह से दूसरों के जीवन को नुकसान पहुंचा है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में गैस रिसाव की घटना के सिलसिले में एलजी पॉलिमर्स इंडिया पर 50 करोड़ रुपये का अंतरिम जुर्माना लगाया और केंद्र और अन्य से जवाब मांगा। अधिकरण ने कहा, ‘नियमों और अन्य वैधानिक प्रावधानों का पालन करने में विफलता दिखाई देती है।’
न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने गैस लीक मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय एक समिति गठित की और उसे 18 मई से पहले रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा। इस घटना में 11 लोगों की मौत हुई है जबकि 1,000 लोग इससे प्रभावित हुए हैं।
पीठ ने कहा, ‘प्रथम दृष्टया सामने आई जानकारी के अनुसार इस घटना में लोगों की जान गई, जन स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान हुआ है, हम एलजी पॉलिमर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 50 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि जमा कराने के निर्देश देते हैं। यह राशि कंपनी के वित्तीय मूल्य और उससे हुई क्षति की सीमा के संबंध में तय की जा रही है।’
अधिकरण ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, एल जी पॉलिमर्स इंडिया, आंध्र प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, विशाखापत्तनम जिला मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी किए और उनसे मामले की अगली सुनवाई 18 मई से पहले जवाब मांगे।
मामले की जांच के लिए गठित की गई समिति में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी एस रेड्डी, आंध्र विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति वी रामा चन्द्र मूर्ति, आंध्र विश्वविद्यालय, रसायन इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रोफेसर पुलिपति किंग, सीपीसीबी के सदस्य सचिव, सीएसआईआर-भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक और विशाखापत्तनम में एनईईआरआई के प्रमुख शामिल हैं।
अधिकरण ने कहा कि समिति जल्द से जल्द मौके का निरीक्षण कर सकती है और उसे ईमेल से 18 मई से पहले अपनी रिपोर्ट देनी है। समिति को घटनाओं के अनुक्रम, विफलता के कारणों और इस घटना के जिम्मेदार लोगों के बारे में रिपोर्ट देनी है जिनकी वजह से दूसरों के जीवन को नुकसान पहुंचा है।