पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (
आईसीसी) ने मंगलवार को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच संपन्न मेलबर्न टेस्ट की पिच को 'खराब' करार दिया है। आईसीसी ने मौजूदा आईसीसी पिच और आउटफील्ड मोनिटरिंग प्रक्रिया के तहत यह फैसला लिया है।
बता दें कि आईसीसी पिच और आउटफील्ड मोनिटरिंग प्रक्रिया; नई रेटिंग प्रणाली 4 जनवरी से प्रभावी होंगी। मैच रेफरी रंजन मदुगले ने अपनी रिपोर्ट आईसीसी को जमा करते हुए पिच के प्रदर्शन पर चिंता व्यक्त की। बता दें कि मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर संपन्न एशेज सीरीज के चौथे टेस्ट में
ऑस्ट्रेलिया ने 327 और 263/4 के स्कोर बनाए जबकि
इंग्लैंड ने सिर्फ एक पारी में बल्लेबाजी की और 491 रन बनाए।
यह रिपोर्ट क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को भी भेज दी गई है, जिन्हें 14 दिनों में अपना जवाब देना होगा। मदुगले ने अपने बयान में कहा, 'एमसीजी की पिच पर उछाल औसत था, लेकिन मैच के बढ़ते-बढ़ते यह धीमी होती गई। पांच दिनों में पिच का मिजाज नहीं बदला और कोई नैसर्गिक तोड़ भी नहीं आया। पिच के कारण बल्ले और गेंद के बीच अच्छी स्पर्धा देखने को नहीं मिली क्योंकि इससे न तो बल्लेबाजों को मदद मिली और न ही गेंदबाजों को।'
एमसीजी टेस्ट मौजूदा आईसीसी पिच और मोनिटरिंग प्रक्रिया में रेट होने वाला आखिरी टेस्ट रहा क्योंकि नई रेटिंग प्रणाली 4 जनवरी 2018 से प्रभावी होगी।
नई आईसीसी पिच और आउटफील्ड मोनिटरिंग प्रक्रिया के तहत सबसे बड़ा बदलाव देखने को इस प्रकार मिलेगा। अगर किसी स्टेडियम की पिच या आउटफील्ड स्तर से कम पाई जाती है तो उसके खाते में डीमेरिट पॉइंट्स जुड़ जाएंगे। इसके बाद उसकी मेजबानी खतरे में पड़ जाएगी।
मैच रेफरी द्वारा पिच को औसत से कम बताने पर स्टेडियम के खाते में एक डीमेरिट पॉइंट जुड़ जाएगा जबकि तीन और और पांच डीमेरिट पॉइंट उन स्टेडियम के खाते में जुड़ेंगे, जिसे खराब या अनफिट करार दिया जाएगा।
जब किसी स्टेडियम के खाते में पांच डीमेरिट पॉइंट आएंगे तो उससे अगले 12 महीनों तक किसी भी इंटरनेशनल मैच की मेजबानी छिन जाएगी। अगर 10 डीमेरिट पॉइंट हुए तो यह निलंबन बढ़कर 24 महीनों का हो जाएगा। डीमेरिट पॉइंट्स पांच साल तक सक्रिय रहेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (
आईसीसी) ने मंगलवार को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच संपन्न मेलबर्न टेस्ट की पिच को 'खराब' करार दिया है। आईसीसी ने मौजूदा आईसीसी पिच और आउटफील्ड मोनिटरिंग प्रक्रिया के तहत यह फैसला लिया है।
बता दें कि आईसीसी पिच और आउटफील्ड मोनिटरिंग प्रक्रिया; नई रेटिंग प्रणाली 4 जनवरी से प्रभावी होंगी। मैच रेफरी रंजन मदुगले ने अपनी रिपोर्ट आईसीसी को जमा करते हुए पिच के प्रदर्शन पर चिंता व्यक्त की। बता दें कि मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर संपन्न एशेज सीरीज के चौथे टेस्ट में
ऑस्ट्रेलिया ने 327 और 263/4 के स्कोर बनाए जबकि
इंग्लैंड ने सिर्फ एक पारी में बल्लेबाजी की और 491 रन बनाए।
यह रिपोर्ट क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को भी भेज दी गई है, जिन्हें 14 दिनों में अपना जवाब देना होगा। मदुगले ने अपने बयान में कहा, 'एमसीजी की पिच पर उछाल औसत था, लेकिन मैच के बढ़ते-बढ़ते यह धीमी होती गई। पांच दिनों में पिच का मिजाज नहीं बदला और कोई नैसर्गिक तोड़ भी नहीं आया। पिच के कारण बल्ले और गेंद के बीच अच्छी स्पर्धा देखने को नहीं मिली क्योंकि इससे न तो बल्लेबाजों को मदद मिली और न ही गेंदबाजों को।'
एमसीजी टेस्ट मौजूदा आईसीसी पिच और मोनिटरिंग प्रक्रिया में रेट होने वाला आखिरी टेस्ट रहा क्योंकि नई रेटिंग प्रणाली 4 जनवरी 2018 से प्रभावी होगी।
नई आईसीसी पिच और आउटफील्ड मोनिटरिंग प्रक्रिया के तहत सबसे बड़ा बदलाव देखने को इस प्रकार मिलेगा। अगर किसी स्टेडियम की पिच या आउटफील्ड स्तर से कम पाई जाती है तो उसके खाते में डीमेरिट पॉइंट्स जुड़ जाएंगे। इसके बाद उसकी मेजबानी खतरे में पड़ जाएगी।
मैच रेफरी द्वारा पिच को औसत से कम बताने पर स्टेडियम के खाते में एक डीमेरिट पॉइंट जुड़ जाएगा जबकि तीन और और पांच डीमेरिट पॉइंट उन स्टेडियम के खाते में जुड़ेंगे, जिसे खराब या अनफिट करार दिया जाएगा।
जब किसी स्टेडियम के खाते में पांच डीमेरिट पॉइंट आएंगे तो उससे अगले 12 महीनों तक किसी भी इंटरनेशनल मैच की मेजबानी छिन जाएगी। अगर 10 डीमेरिट पॉइंट हुए तो यह निलंबन बढ़कर 24 महीनों का हो जाएगा। डीमेरिट पॉइंट्स पांच साल तक सक्रिय रहेंगे।