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सॉफ्टवेयर सेवा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इंफोसिस ने मंगलवार को स्वीकार किया कि उसने ब्रिटेन के अधिकारियों द्वारा निगम टैक्स निर्धारण के खिलाफ अपील की है, क्योंकि ब्रिटिश मीडिया की खबरों में विवाद के लिए कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट का हवाला दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक के ससुर नारायण मूर्ति द्वारा सह-स्थापित कंपनी एचएमआरसी विभाग के साथ दो करोड़ मिलियन पाउंड टैक्स बिल का विरोध कर रही थी।
'द टाइम्स' ने पहली बार इस विवाद का तब खुलासा किया है, जब सुनक ने अपने कंजर्वेटिव पार्टी प्रमुख नदीम जहावी को बर्खास्त कर दिया है। सुनक द्वारा गठित जांच में पाया गया था कि नदीम ने अपने टैक्स मामलों पर मंत्रिस्तरीय आचार संहिता का उल्लंघन किया है।
इंफोसिस के एक प्रवक्ता ने टाइम्स को बताया, इंफोसिस विभिन्न नियामक प्राधिकरणों के साथ चल रहे कुछ विवादों का विवरण प्रदान करता है, जिसमें एचएमआरसी के साथ यह विशिष्ट टैक्स मामला भी शामिल है। प्रवक्ता ने कहा, कंपनी ने ब्रिटेन में टैक्स आकलन के खिलाफ अपील दायर की है और एचएमआरसी से टैक्स मांग के भुगतान पर रोक लगा दी है। अखबार ने कहा कि इंफोसिस द्वारा कुछ गलत करने का कोई सुझाव नहीं दिया गया है।
मूर्ति ने 2014 में इंफोसिस छोड़ दी थी और तब से वह इसके संचालन से नहीं जुड़े हैं। उनकी बेटी और सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति के पास बेंगलुरू स्थित कंपनी में सिर्फ 0.9 फीसदी हिस्सेदारी है। द संडे टाइम्स ने द संडे टाइम्स द्वारा अनुमानित हिस्सेदारी की कीमत 73 करोड़ ब्रिटिश पाउंड है।
अक्षता मूर्ति का नाम पिछले साल अप्रैल में तब सुर्खियों में सामने आया था जब रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि वह कानूनी रूप से एक भारतीय नागरिक के रूप में गैर अधिवासित कर (टैक्स) स्थिति रखती हैं। जिसका मतलब था कि उन्होंने इंफोसिस के लाभांश समेत विदेश से होने वाली कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना है।