भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी ऋण देने वाली संस्थाओं को हाल ही में घोषित ब्याज माफी योजना के प्रावधानों को लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं और कहा है कि निर्धारित समय के भीतर आवश्यक कदम उठाए जाएं। ऋणदाताओं में बैंक, सहकारी बैंक, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां और माइक्रोफाइनेंस संस्थान शामिल हैं। ऐसे में लोगों के मन में कई सवाल हैं कि यह लाभ किनको मिलेगा, कितना मिलेगा, कब तक मिलेगा, आदि। आइए जानते हैं इससे जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी।
कब तक मिलेगा लाभ?
केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया है कि ऋणदाताओं को पात्र उधारकर्ताओं के खातों में पांच नवंबर 2020 तक भुगतान करने के लिए निर्देशित किया गया है।
कितना मिलेगा लाभ?
आसान भाषा में समझें, तो कर्ज पर छह महीने (मार्च से अगस्त तक) के लिए दी गई मोहलत के दौरान संचयी ब्याज यानी 'ब्याज पर ब्याज' और साधारण ब्याज के बीच अंतर के बराबर राशि का भुगतान करने के लिए कदम उठाने को कहा गया है।
किनको मिलेगा लाभ?
दरअसल, हाल ही में केंद्र सरकार ने लोन के ब्याज पर ब्याज माफी संबंधी दिशानिर्देशों को मंजूरी दे दी थी। जिन कर्जदारों के ऊपर 29 फरवरी 2020 तक कुल ऋण दो करोड़ रुपये से अधिक नहीं था, वे सभी योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र होंगे। यानी यह राहत सभी कर्जदारों को मिलेगी, चाहे उन्होंने किस्त भुगतान से छह महीने की दी गई छूट का लाभ उठाया हो, या नहीं। जिन ग्राहकों ने मोरेटोरियम का लाभ नहीं उठाया था, उन्हें भी बैंक से कैशबैक मिलेगा।
कौन से ऋण होंगे कवर?
इस योजना के तहत आवास ऋण, शिक्षा ऋण, क्रेडिट कार्ड बकाया, वाहन कर्ज और MSME के लिए लिया गया कर्ज और खपत के लिए लिया ऋण कवर होगा। दो करोड़ रुपये तक के ऋण वाले छोटे व्यवसायों और व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को यह भुगतान किया जाएगा।
क्या है शर्त?
यह सुविधा ग्राहकों को तभी मिलेगी जब कर्ज की किस्त का भुगतान फरवरी के अंत तक होता रहा हो यानी संबंधित अकाउंट नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) नहीं हो।
क्यों मिल रहा है लाभ?
क्रिसिल ने एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, 'इस प्रकार के लोन संस्थागत व्यवस्था (बैंक, वित्तीय संस्थान) की ओर से दिए गए कर्ज का 40 फीसदी हैं। इससे 75 फीसदी कर्जदारों को लाभ होगा।' यह लाभ इसलिए दिया जा रहा है ताकि कोरोना काल में लोगों पर जो वित्तीय संकट मंडराया है, उसे कम किया जा सके और त्योहारों के दौरान किसी को कोई दिक्कत न हो।
क्या है पूरा मामला?
ब्याज पर ब्याज मामले को लेकर केंद्र सरकार ने अपने फैसले के बारे में पूरी जानकारी दी थी, जिसमें कैशबैक की भी बात कही गई थी। दरअसल, मोरेटोरियम अवधि के ईएमआई के भुगतान को लेकर कई सवाल उठे हैं। सुप्रीम कोर्ट में ब्याज पर ब्याज का मामला पहुंचा। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा कि वह मोरेटोरियम अवधि (मार्च से अगस्त तक) के दौरान ब्याज पर ब्याज को माफ करने के लिए तैयार हो गई है। सरकार के सूत्रों ने ब्याज की माफी की लागत करीब 6,500 करोड़ रुपये आंकी थी।
शीर्ष अदालत ने 14 अक्तूबर को केंद्र को निर्देश दिया था कि वह कोविड-19 महामारी के मद्देनजर आम लोगों के हित में शीघ्र उन्हें राहत देने की योजना लागू करे।