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कहीं आप भी असली और नकली हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) का अंतर नहीं समझने की वजह से गैरकानूनी काम तो नहीं कर रहे। ऐसा करने पर आप कानून के शिकंजे में फंस सकते हैं। यहां जानिए क्या है असली और नकली हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का खेल जिसका शिकार आप भी बन सकते हैं।
अनिवार्य हुआ एचएसआरपी
दरअसल दिल्ली में एक अप्रैल 2019 से पहले के सभी वाहनों के लिए हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) और कलर कोड वाले स्टिकर लगाना अनिवार्य हो गया है। वाहन मालिकों को इसके लिए डेडलाइन भी दे दी गई है। इसके अलावा तय सीमा पर एचएसआरपी न लगवाने पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। 30 अक्टूबर से पहले सभी वाहन मालिकों को अपनी गाड़ियों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगवानी होगी।
धड़ल्ले से लगा रहे डुप्लीकेट नंबर प्लेट
नई गाड़ियों पर HSRP कंपनी से ही लगकर आ रहे हैं। पुरानी गाड़ियों पर इसे लगवाना पड़ा है। ऐसी नहीं करने पर चालान हो जाएगा। इसी चालान के डर का फायदा नंबर प्लेट लगाने के काम से जुड़े लोग उठा रहे हैं। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की तरह ही हू-ब-हू दिखने वाले डुप्लीकेट नंबर प्लेट धड़ल्ले से लगाए जा रहे हैं। इन फर्जी नंबर प्लेट के लिए 400 से 600 रुपये तक लिया जा रहा है। जनता को असली और नकली हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं होने का फायदा उठाया जा रहा है। लोगों को पता नहीं कि जो हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट सड़क किनारे दुकान खोलकर बैठे लोगों से लगवा रहे हैं, वह नकली है और चेकिंग हुई तो ऐसी गाड़ियों का चालान हो जाएगा।
दिल्ली से सटे गाजियाबाद में चल रहा खेल
रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली से सटे गाजियाबाद में नंबर प्लेट लागने वाले दुकानों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के नाम पर खेल चल रहा है। आरटीओ की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण शहर में कई जगह इसका खेल धड़ल्ले से चल रहा है। जब दुकानदारों से इस बारे में पूछा गया कि इस फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लगवाने के बाद पकड़े नहीं जाएंगे, तो उनका जवाब था कि इसे पहचान पाना मुश्किल होगा। इन दुकानदारों का कहना है कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की तरह ही उसे बनाया जा रहा है। बड़ी संख्या में इन दुकानों पर पहुंचकर लोग नंबर प्लेट बलवा रहे हैं। जबकि इसे बदलने के लिए एजेसी निर्धारित है। ऑनलाइन आवेदन कर टाइम स्लाट लेकर उसे आसानी से बदलवाया जा सकता है।
जागरूक नहीं होने का उठा रहे फायदा
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की जरूरत और इसकी उपयोगिता को लेकर लोगों में अभी जागरूकता नहीं है। इसलिए लोगों को जहां मिल रहा है वह इसे लगवा रहे हैं। ऑनलाइन आवेदन और सेंटर पर भेजकर नंबर लगवाने से लोग बच रहे हैं। पैसा अधिक लगने की वजह से भी लोग डुप्लीकेट हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लगवा रहे हैं।
निरस्त हो चुके रजिस्ट्रेशन वाले लगवा रहे प्लेट
पिछले दिनों आरटीओ की तरफ से 10 और 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल के करीब 70 हजार से अधिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है। ऐसे वाहनों का ऑनलाइन तरीके से आवेदन नहीं किया जा सकता है। यदि कोई कोशिश करेगा तो पकड़ा जाएगा। इसलिए ऐसे वाहन चालक इन गाड़ियों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की तरह दिखने वाले नंबर को लगवाकर उसे शहर में चला रहे हैं।
जल्द ही पुलिस से की जाएगी शिकायत
प्रदेश के करीब 20 जिलों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाए जाने का काम करने वाली रोजमार्टा कंपनी के महेश महरोत्रा का कहना है कि कई बार इस तरह की शिकायत मिल चुकी है। जल्द ही इसकी शिकायत पुलिस से की जाएगी। जिससे फर्जी तरीके से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाकर गाड़ियों पर लगाने वाले लोगों पर कार्रवाई की जा सके।
प्रशासन करेगा कार्रवाई
एआरटीओ विश्वजीत प्रताप सिंह ने कहा, "हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का बार कोड फर्जी नंबर प्लेट में नहीं होता है। जनता को जागरूक होने की जरूरत है। इसको लगवाने से वाहन मालिक को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की सुविधा नहीं मिल पाएगी। इसलिए ऑनलाइन आवेदन करके तय वेंडर के पास जाकर ही उसे लगवाना चाहिए। यदि कोई इस बारे में शिकायत करता है तो इस संबंध में संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"
ऐसे करें असली-नकली की पहचान
आपकी गाड़ी में लगी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट असली है या नकली, इसकी पहचान आप खुद से कर सकते हैं। नंबर प्लेट पर ही एक बार कोड होता है। हर गाड़ी का बार कोड अलग-अलग होता है। फर्जी तरीके से इस नंबर प्लेट को लगाने वाले बार कोड नहीं लिखते हैं क्योंकि इस बार कोड के लगे होने पर पकड़े जाने पर उन पर कानूनी कार्रवाई हो जाएगी।
ऐसे करें आवेदन
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए आपको अप्लाई करना है तो आप इंटरनेट ब्राउजर पर bookmyhsrp.com/index. aspx यूआरएल टाइप करें, जो आपको इस साइट पर ले जाएगा। यहां पर आपको प्राइवेट वाहन और कमर्शियल वाहन के दो ऑप्शन दिखाई देंगे। प्राइवेट गाड़ी टैब पर क्लिक करेंगे तो पेट्रोल, डीजल इलेक्ट्रिक, सीएनजी और सीएनजी+पेट्रोल का ऑप्शन चुनना होगा। पेट्रोल टॉइप के टैब पर क्लिक करने पर वाहनों की कैटगरी खुलेगी जिसके बाद आपको बाइक, कार, स्कूटर, ऑटो और भारी वाहन जैसे ऑप्शन में से एक को चुनना होगा। अगर आप कार पर क्लिक करते है ते कार की कंपनी का ऑप्शन चुनना होगा। कंपनी के ऑप्शन के चुनाव करने के बाद आपको राज्य का नाम भरना होगा। इसी के साथ ही यहां आपको डीलर्स के विकल्प भी दिखाई देंगे।
सार
- हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की जरूरत और इसकी उपयोगिता को लेकर लोगों में अभी जागरूकता नहीं है। इसलिए लोगों को जहां मिल रहा है वह इसे लगवा रहे हैं।
- आपकी गाड़ी में लग हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट असली है या नकली, इसकी पहचान आप खुद से कर सकते है।
विस्तार
कहीं आप भी असली और नकली हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) का अंतर नहीं समझने की वजह से गैरकानूनी काम तो नहीं कर रहे। ऐसा करने पर आप कानून के शिकंजे में फंस सकते हैं। यहां जानिए क्या है असली और नकली हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का खेल जिसका शिकार आप भी बन सकते हैं।
अनिवार्य हुआ एचएसआरपी
दरअसल दिल्ली में एक अप्रैल 2019 से पहले के सभी वाहनों के लिए हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) और कलर कोड वाले स्टिकर लगाना अनिवार्य हो गया है। वाहन मालिकों को इसके लिए डेडलाइन भी दे दी गई है। इसके अलावा तय सीमा पर एचएसआरपी न लगवाने पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। 30 अक्टूबर से पहले सभी वाहन मालिकों को अपनी गाड़ियों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगवानी होगी।
धड़ल्ले से लगा रहे डुप्लीकेट नंबर प्लेट
नई गाड़ियों पर HSRP कंपनी से ही लगकर आ रहे हैं। पुरानी गाड़ियों पर इसे लगवाना पड़ा है। ऐसी नहीं करने पर चालान हो जाएगा। इसी चालान के डर का फायदा नंबर प्लेट लगाने के काम से जुड़े लोग उठा रहे हैं। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की तरह ही हू-ब-हू दिखने वाले डुप्लीकेट नंबर प्लेट धड़ल्ले से लगाए जा रहे हैं। इन फर्जी नंबर प्लेट के लिए 400 से 600 रुपये तक लिया जा रहा है। जनता को असली और नकली हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं होने का फायदा उठाया जा रहा है। लोगों को पता नहीं कि जो हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट सड़क किनारे दुकान खोलकर बैठे लोगों से लगवा रहे हैं, वह नकली है और चेकिंग हुई तो ऐसी गाड़ियों का चालान हो जाएगा।
दिल्ली से सटे गाजियाबाद में चल रहा खेल
रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली से सटे गाजियाबाद में नंबर प्लेट लागने वाले दुकानों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के नाम पर खेल चल रहा है। आरटीओ की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण शहर में कई जगह इसका खेल धड़ल्ले से चल रहा है। जब दुकानदारों से इस बारे में पूछा गया कि इस फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लगवाने के बाद पकड़े नहीं जाएंगे, तो उनका जवाब था कि इसे पहचान पाना मुश्किल होगा। इन दुकानदारों का कहना है कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की तरह ही उसे बनाया जा रहा है। बड़ी संख्या में इन दुकानों पर पहुंचकर लोग नंबर प्लेट बलवा रहे हैं। जबकि इसे बदलने के लिए एजेसी निर्धारित है। ऑनलाइन आवेदन कर टाइम स्लाट लेकर उसे आसानी से बदलवाया जा सकता है।
जागरूक नहीं होने का उठा रहे फायदा
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की जरूरत और इसकी उपयोगिता को लेकर लोगों में अभी जागरूकता नहीं है। इसलिए लोगों को जहां मिल रहा है वह इसे लगवा रहे हैं। ऑनलाइन आवेदन और सेंटर पर भेजकर नंबर लगवाने से लोग बच रहे हैं। पैसा अधिक लगने की वजह से भी लोग डुप्लीकेट हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लगवा रहे हैं।
निरस्त हो चुके रजिस्ट्रेशन वाले लगवा रहे प्लेट
पिछले दिनों आरटीओ की तरफ से 10 और 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल के करीब 70 हजार से अधिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है। ऐसे वाहनों का ऑनलाइन तरीके से आवेदन नहीं किया जा सकता है। यदि कोई कोशिश करेगा तो पकड़ा जाएगा। इसलिए ऐसे वाहन चालक इन गाड़ियों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की तरह दिखने वाले नंबर को लगवाकर उसे शहर में चला रहे हैं।
जल्द ही पुलिस से की जाएगी शिकायत
प्रदेश के करीब 20 जिलों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाए जाने का काम करने वाली रोजमार्टा कंपनी के महेश महरोत्रा का कहना है कि कई बार इस तरह की शिकायत मिल चुकी है। जल्द ही इसकी शिकायत पुलिस से की जाएगी। जिससे फर्जी तरीके से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाकर गाड़ियों पर लगाने वाले लोगों पर कार्रवाई की जा सके।
प्रशासन करेगा कार्रवाई
एआरटीओ विश्वजीत प्रताप सिंह ने कहा, "हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का बार कोड फर्जी नंबर प्लेट में नहीं होता है। जनता को जागरूक होने की जरूरत है। इसको लगवाने से वाहन मालिक को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की सुविधा नहीं मिल पाएगी। इसलिए ऑनलाइन आवेदन करके तय वेंडर के पास जाकर ही उसे लगवाना चाहिए। यदि कोई इस बारे में शिकायत करता है तो इस संबंध में संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"
ऐसे करें असली-नकली की पहचान
आपकी गाड़ी में लगी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट असली है या नकली, इसकी पहचान आप खुद से कर सकते हैं। नंबर प्लेट पर ही एक बार कोड होता है। हर गाड़ी का बार कोड अलग-अलग होता है। फर्जी तरीके से इस नंबर प्लेट को लगाने वाले बार कोड नहीं लिखते हैं क्योंकि इस बार कोड के लगे होने पर पकड़े जाने पर उन पर कानूनी कार्रवाई हो जाएगी।
ऐसे करें आवेदन
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए आपको अप्लाई करना है तो आप इंटरनेट ब्राउजर पर bookmyhsrp.com/index. aspx यूआरएल टाइप करें, जो आपको इस साइट पर ले जाएगा। यहां पर आपको प्राइवेट वाहन और कमर्शियल वाहन के दो ऑप्शन दिखाई देंगे। प्राइवेट गाड़ी टैब पर क्लिक करेंगे तो पेट्रोल, डीजल इलेक्ट्रिक, सीएनजी और सीएनजी+पेट्रोल का ऑप्शन चुनना होगा। पेट्रोल टॉइप के टैब पर क्लिक करने पर वाहनों की कैटगरी खुलेगी जिसके बाद आपको बाइक, कार, स्कूटर, ऑटो और भारी वाहन जैसे ऑप्शन में से एक को चुनना होगा। अगर आप कार पर क्लिक करते है ते कार की कंपनी का ऑप्शन चुनना होगा। कंपनी के ऑप्शन के चुनाव करने के बाद आपको राज्य का नाम भरना होगा। इसी के साथ ही यहां आपको डीलर्स के विकल्प भी दिखाई देंगे।