सिंह राशि
आपकी राशि से छठें शत्रुभाव में शनि का गोचर अप्रत्याशित परिणाम दिलाने वाला सिद्ध होगा। फलित ज्योतिष के अनुसार तीसरे, छठे, और ग्यारहवें भाव में शनि गोचर कर रहे हों या किसी भी जातक की जन्मकुंडली के इन भावों में बैठे हों तो सभी अरिष्टों का शमन करते हुए उसे जीवन के सर्वोच्च शिखर तक पहुचाते हैं। इसीलिए गोचर की दृष्टि से आपके लिए इनका प्रभाव बेहतरीन सिद्ध होगा। आपकी राशि से छठें शत्रुभाव में शनि का गोचर अप्रत्याशित परिणाम दिलाने वाला सिद्ध होगा। फलित ज्योतिष के अनुसार तीसरे, छठे, और ग्यारहवें भाव में शनि गोचर कर रहे हों या किसी भी जातक की जन्मकुंडली के इन भावों में बैठे हों तो सभी अरिष्टों का शमन करते हुए उसे जीवन के सर्वोच्च शिखर तक पहुचाते हैं। इसीलिए गोचर की दृष्टि से आपके लिए इनका प्रभाव बेहतरीन सिद्ध होगा।
सिंह लग्न अथवा सिंह राशि की कुंडली में शनिदेव मारक भी होते हैं इसलिए ईमानदारी से कार्य करने वालों के लिए तो ये लाभप्रद सिद्ध होंगे किंतु झूठ बोलने, चोरी करने, दूसरों का धन छीनने, धोखा करने एवं रिश्वत आदि से धन कमाने वाले लोगों के लिए ये काल बनकर आए हुए हैं। सन्मार्ग का अनुसरण करते हुए कार्य व्यापार करने वालों के लिए यह गोचर बेहतरीन सिद्ध होगा। शत्रु परास्त होंगे और कोर्ट कचहरी के मामलों में भी सफलता मिलेगी। जो लोग आपको नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे थे वही आपकी मदद करने के लिए आगे आएंगे। ननिहाल पक्ष से रिश्ते सहेज कर रखें। कर्ज के लेन-देन के समय अतिशय सावधानी बरतें अन्यथा भावनाओं में बहाकर दिया गया आपका दिया गया धन वापस आने में संदेह रहेगा।
कालपुरुष की कुंडली के अनुसार इस भाव से रोग, चिंता, मुकदमे बाजी, नाभी के ऊपरी भाग के आतंरिक विकार, यश, ननिहाल पक्ष की समृद्धि और रिश्ते आदि का विचार किया जाता है। शनिदेव की तृतीय दृष्टि आपके अष्टम भाव पर पड़ेगी जिसके फलस्वरूप कार्यक्षेत्र में षड्यंत्र का शिकार होने से बचें, स्वास्थ्य का ध्यान रखें, वाहन सावधानी पूर्वक चलाएं। यदि सरकारी सर्विस में हैं तो अपने पद का दुरुपयोग करने से बचें अन्यथा ऐसा करना आपके सम्मान के लिए नुकसानदेह सिद्ध हो सकता है। शनिदेव की सातवीं दृष्टि आपके व्ययभाव पर भी पड़ रही है अतः कष्ट यात्राएं तो होंगी ही फिजूलखर्ची से बचना पड़ेगा।
ये गोचर महिला वर्ग के लिए अधिक सावधानी बरतने का है स्वास्थ्य के प्रति हमेशा चिंतनशील रहना पड़ेगा। यहीं से शनिदेव की दशम उच्चदृष्टि आपके पराक्रम भाव पर भी पड़ेगी जिसके फलस्वरूप आप कठोर परिश्रमी बनेंगे और अपने पौरुष के बलपर विषम हालात को भी सामान्य कर लेंगे। परिवार के बड़े सदस्यों से मतभेद बढ़ सकता है इसलिए अपनी जिद पर नियंत्रण रखते हुए कार्य करेंगे तो शनिदेव का शुभाशुभ प्रभाव आपके लिए सकारात्मक फलदायक रहेगा।
उपाय
शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए शनिकवच, शनिस्तोत्र का पाठ करें, इनके वैदिक मंत्रों का और अलौकिक मंत्रों का जप भी कर सकते हैं सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करें । आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना और पीपल तथा बेल (श्री वृक्ष)के वृक्ष का आरोपण करना शनि के दुष्प्रभाव से मुक्ति प्रदान करेगा।
कन्या राशि
मकर राशिगत शनि का गोचर आपकी राशि से पंचम त्रिकोण भाव में पड़ रहा है यहाँ पर शनि अपने ही घर में बैठकर करना बेहतरीन फल देंगे विशेष करके विद्यार्थियों के लिए यह समय किसी वरदान से कम नहीं है। शिक्षा प्रतियोगिता में अच्छी सफलता मिलेगी। नव दंपति के लिए संतान प्राप्ति का अथवा प्रादुर्भाव का भी योग बन रहा है और इनसे संबंधित सभी जिम्मेदारियों का सकुशल निर्वहन होगा। कार्य व्यापार की दृष्टि से भी शनि का गोचर बेहतरीन रहेगा, इसलिए कोई भी बड़े कार्य का शुभारंभ करना चाह रहे हों या अनुबंध पर हस्ताक्षर करना चाह रहे हों तो अवसर अच्छा है लाभ उठाएं।
कालपुरुष की कुंडली के अनुसार पंचम भाव से संतान, बुद्धि, विद्या, अनुचर, धर्म, मांगलिक कार्य, हृदयरोग, छाती के निचले भाग के रोग,सम्मान एवं कामयाबियों का प्रतिशत आदि का विचार किया जाता है। शनिदेव का प्रभाव इन भागों को अवश्य प्रभावित करेगा। अतः ईमानदारी पूर्वक अपने कार्य करते रहें इसी से सफलता की संभावना सर्वाधिक रहेगी। यहां से गोचर करते हुए इनकी तृतीय दृष्टि आपके सप्तम दैनिक व्यापार एवं दांपत्य जीवन पर पड़ेगी जिसके फलस्वरूप दांपत्य जीवन में कुछ कटुता आ सकती है इसे मधुर वार्ता से सुलझाएं।
इनकी सप्तम मारक दृष्टि आपके लाभ भाव पर भी पड़ेगी जिसके फलस्वरूप आय के स्रोत तो बढ़ेंगे किन्तु बड़े भाईयों से मतभेद भी हो सकता है। नशे का व्यापार करने वालों और नशा करने वाले लोगों से दूरी बनाकर रखेंगे तो आपके लिए बेहतर रहेगा। यहां से शनि की उच्चदृष्टि आपके धनभाव भर पड़ेगी, जिसके फलस्वरूप आकस्मिक धन प्राप्ति के योग बनेंगे, आर्थिक पक्ष मजबूत तो होगा किंतु परिवार में विघटन की संभावना बनी रहेगी । स्वास्थ्य विशेष करके दाहिनी आंख का ध्यान रखें बुजुर्गों का सम्मान करेंगे तो कामयाबियों का सिलसिला बढ़ता जाएगा, समाज में मान-प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी और आपके लिए गए निर्णयों एवं किये गए कार्यों की सराहना भी होगी।
उपाय
शनिदेव के प्रभाव में और शुभता लाने के लिए और शहर और निर्धन लोगों की मदद करें, सरसों के तेल का दान करें, फलदार वृक्षों का आरोपण करें, एवं दूध घी अथवा शत से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से शनि जन्य दोषों में कमी आएगी ।
सिंह राशि
आपकी राशि से छठें शत्रुभाव में शनि का गोचर अप्रत्याशित परिणाम दिलाने वाला सिद्ध होगा। फलित ज्योतिष के अनुसार तीसरे, छठे, और ग्यारहवें भाव में शनि गोचर कर रहे हों या किसी भी जातक की जन्मकुंडली के इन भावों में बैठे हों तो सभी अरिष्टों का शमन करते हुए उसे जीवन के सर्वोच्च शिखर तक पहुचाते हैं। इसीलिए गोचर की दृष्टि से आपके लिए इनका प्रभाव बेहतरीन सिद्ध होगा। आपकी राशि से छठें शत्रुभाव में शनि का गोचर अप्रत्याशित परिणाम दिलाने वाला सिद्ध होगा। फलित ज्योतिष के अनुसार तीसरे, छठे, और ग्यारहवें भाव में शनि गोचर कर रहे हों या किसी भी जातक की जन्मकुंडली के इन भावों में बैठे हों तो सभी अरिष्टों का शमन करते हुए उसे जीवन के सर्वोच्च शिखर तक पहुचाते हैं। इसीलिए गोचर की दृष्टि से आपके लिए इनका प्रभाव बेहतरीन सिद्ध होगा।