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विस्तार
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की आज 45वीं वार्षिक आम बैठक (AGM 2022) में कंपनी ने बताया कि Jio 5G दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे उन्नत 5G नेटवर्क होगा। कंपनी के बयान के मुताबिक अन्य ऑपरेटरों के विपरीत, Jio का 5G नेटवर्क 4G नेटवर्क पर निर्भर नहीं होगा, इसलिए कंपनी ने इसे स्टैंड-अलोन कहा है। स्टैंड-अलोन 5G आर्किटेक्चर के साथ कंपनी ने बेस्ट कवरेज का दावा किया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश भी स्टैंड-अलोन नेटवर्क पर काम कर रहे हैं। स्टैंड-अलोन 5G के साथ, Jio लो लैटेंसी (बिना अटके हुए), बड़े पैमाने पर मशीन-टू-मशीन कम्युनिकेशन, 5G वॉयस, एज कंप्यूटिंग और नेटवर्क स्लाइसिंग और मेटावर्स जैसी सेवाएं प्रदान कर सकता है। स्टैंड-अलोन 5G को जियो ने ट्रू-5जी नेटवर्क भी कहा है। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि स्टैंड-अलोन और नॉन-स्टैंड-अलोन में क्या अंतर है?
Standalone 5G
स्टैंडअलोन 5G संचालित करने के लिए LTE EPC पर निर्भर नहीं होना पड़ता है, बल्कि यह 5G रेडियो को क्लाउड-नेटिव 5G कोर नेटवर्क के साथ जोड़ता है। 5G कोर को ही एक सर्विस बेस्ड आर्किटेक्चर (SBA) के रूप में डिजाइन किया गया है, जो नेटवर्क फंक्शन को पूरी तरह से वर्चुअलाइज करता है। इसका इस्तेमाल बड़ स्तर पर फैक्टरी ऑटोमेशन, ऑटोनॉमस व्हीकल ऑपरेशन और एंटरप्राइज में 5G सुविधाओं के लिए होता है। स्टैंडअलोन 5G को इंडस्ट्रीज के लिए डिजिटलाइजेशन के लिए वरदान कहा गया है। सीधे शब्दों में कहें तो बेस्ट 5G एक्सपेरियंस के लिए अल्ट्रा लो लैटेंसी की जरूरत होती है और यह स्टैंड-अलोन 5जी के साथ ही संभव है।
Non-Standalone 5G
5G नेटवर्क के शुरुआती रोलआउट ग्राहकों को LTE इवॉल्व्ड पैकेट कोर (EPC) के साथ 5G रेडियो एक्सेस नेटवर्क (RAN) को जोड़कर हाई डाटा ट्रांसफर स्पीड देते हैं, क्योंकि 5G RAN नियंत्रण और सिग्नलिंग जानकारी को मैनेज करने के लिए 4G कोर नेटवर्क पर निर्भर रहता है और 4G RAN काम करना जारी रखता है, इसे नॉन-स्टैंडअलोन आर्किटेक्चर कहा जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो Non-Standalone 5G, 4जी के इंफ्रास्ट्रक्चर पर निर्भर नहीं रहता है।
अब कुल मिलाकर कहें तो Standalone 5G के लिए अलग से पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा यानी इसके लिए अलग से टावर लगाए जाएंगे, इसलिए घरों और ऑफिस में 5जी की कवरेज के लिए जियो ने Jio AIRFIBER पेश किया है। जो कंपनी Non-Standalone 5G की सर्विस देगी वह बिना अलग से टावर लगाए भी सर्विस दे सकेगी, हालांकि वोडाफोन आइडिया और एयरटेल ने अभी 5जी की कवरेज को लेकर कुछ कहा नहीं है। संभव है कि अन्य दो कंपनियां भी Standalone 5G ही लॉन्च करें। बता दें कि 4जी के साथ Non-Standalone 5G वाली स्थिति थी, क्योंकि इसका विस्तार 3जी के इंफ्रास्ट्रक्चर पर हुआ था।