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गुलज़ार की ग़ज़ल- हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते

गुलजार नज़्म
                
                                                                                 
                            हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
                                                                                                

वक़्त की शाख़ से लम्हें नहीं तोड़ा करते
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2 months ago

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