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                                                                           रस्ते से जब हम गुजरे
तो देखा एक ये मंजर
लाखों गरीब बेबस
सड़कों पे सो रहे थे

ग़म भूल कर जहां के
सपनों में खो रहे थे
तब एक गरीब बालक
रोटी को मॉंगता था

क्या हाल मैं बताऊं
उसके...और पढ़ें
12 hours ago
                                                                           एक रोज़ आपसे किनारा कर के
हम भी देखेंगे फाकों में गुजारा कर के

जमीर जगेगा या आंखों को शर्म आयेगी
जब इबादत को जायेंगे आप तौबा कर के

ये तो सच है की हमने सारी उम्र कुछ न किया
आपने क्या हासिल किया हम जैस...और पढ़ें
17 hours ago
                                                                           हिंदी हैं हम शब्द-श्रृंखला में आज का शब्द है आशीष जिसका अर्थ है किसी के कल्याण और सफलता के लिए कामना करना; आशीर्वाद; मंगल कामना। कवि सर्वेश्वरदयाल सक्सेना ने अपनी कविता में इस शब्द का प्रयोग किया है। 

तुम्हारे साथ रहकर
अक्सर मुझ...और पढ़ें
9 hours ago
                                                                           वफा करते समय
कुछ भी याद नही रहा
मोहब्बत में भीगने का
मियाद नही रहा
खुशबू उड गई
तितली उड़ जाने के बाद
गुलशन का भौंरा
तब से आजाद नही रहा
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'...और पढ़ें
12 hours ago
                                                                           लौटकर सब आएँगे
सिर्फ़ वह नहीं
जो युवा था-
युवावस्था लौटकर नहीं आती।

अगर आया भी तो
वही नहीं होगा।
पके बाल, झुर्रियाँ,
ज़रा,
थकान
वह बूढ़ा हो चुका होगा।
रास्ते में
आदम...और पढ़ें
16 hours ago
                                                                           जल गया सब कुछ उसके पीछे
बचा न एक भी अंग
दीपशिखा ओ थी ही
बन बैठा मैं पतंग...और पढ़ें
14 hours ago
                                                                           यह दौर है रंजिश मुसीबत का
राहत का यहाँ कोई काम नही
मासूम की गर्दन कटनी 'उपदेश'
नाज़ शराफ़त का कोई नाम नही
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'...और पढ़ें
12 hours ago
                                                                           जज्बातों को देखूं तो तेरी याद
ख्वाबों को देखूं तो तेरी याद

हुस्न का सोचूं तो भूल जाऊं
आईने को देखूं तो तेरी याद

किताब को देखूं तो भूल जाऊं
कलम को देखूं तो तेरी याद

जख्मों को देखूं तो भ...और पढ़ें
17 hours ago
                                                                           जीवन की धूप में
मैं निरंतर चलती रही
बिना कोई शिकायत किए
शब्दों के बाण भी झेले
बिना कोई शिकवा किए
शारीरिक और मानसिक
प्रताड़ना भी सहती रही
बिना कुछ कहे
बहुत भीरू प्रवृत्ति है मेरी
चुप रहना...और पढ़ें
15 hours ago
                                                                           शहर जब भी उनका राह में आता है
कमबख्त सबसे पहले ख्वाब उनका आता है

उनकी खुशी के लिए हम शहर उनका छोड़ आए हैं
रकीब कहां जानता कितने हसीन पल हमने बिताए हैं

सोचा था न जाएं शहर और गांव उनका
मगर घर हमारा भी...और पढ़ें
16 hours ago
                                                                           ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रही
जज़्बात में वो पहली सी शिद्दत नहीं रही

ज़ोफ़-ए-क़ुवा ने आमद-ए-पीरी की दी नवेद
वो दिल नहीं रहा वो तबीअ'त नहीं रही

सर में वो इंतिज़ार का सौदा नहीं रहा
दिल पर वो ध...और पढ़ें
16 hours ago
                                                                           एक अर्जुन छुपा हुआ है हमारे अंदर
एक वीर योद्धा छुपा हुआ है हमारे अंदर
शोक में है वह धनुर्धर
मोह में फंसा हुआ है वह धनुर्धर
युद्ध भूमि में आकर
कहता है वह,"अपनों को कैसे मारूं मैं?"
चाहिए हमें श्री कृष्ण जैसा स...और पढ़ें
13 hours ago
                                                                           दिल मिलाने का अब ख़याल भी नहीं आता,
आज-कल हाथ मिलाने में भी डर लगता है।
अजीब लगता है माहौल इस शहर का मुझे,
सलाम करता है जो भी बद-नज़र लगता है।
 - डाॅ. कुँवर वीरेन्द्र विक्रम सिंह गौतम...और पढ़ें
15 hours ago
                                                                           ग़ालिब दुनिया में वो अकेला शायर है जो समझ में ना आया तो दुगना मज़ा देता है।
- मुश्ताक़ अहमद यूसुफ़ी   ...और पढ़ें
19 hours ago
                                                                           मिलता ग़ुरूर बेटे से, बेटी से शराफ़त,
बेटी की बदौलत कभी वहशत नहीं होती।
माना के बुढ़ापे का सहारा बना बेटा,
बेटी की तरह बेटे से ख़िदमत नहीं होती।
 - डाॅ. कुँवर वीरेन्द्र विक्रम सिंह गौतम...और पढ़ें
12 hours ago
                                                                           उनकी यादों के साये थक कर सो गए मेरे सपने में
वहाँ मैं जाता था, धूप के सरोवर देखने अकेले में

उम्मीद के फूल खिलते थे वहाँ, विश्वास के दर्पणों में
उन्हें आसमाँ देखता, रोशनी के किस्से सुनाता इशारों में

दोपहर का...और पढ़ें
14 hours ago
                                                                           छोटी - छोटी असफलताएँ भी
सफलता का रास्ता बताती हैं
कुछ कर गुजरने की चाहत
जीवन को सार्थक बनाती हैं
चलना ही नाम जिंदगी
नित्य ही प्रवाह है
अद्भुत बड़ी यह जिंदगी
हर पल नया रंग ही पाती हैं
-हरिशंकर...और पढ़ें
14 hours ago
                                                                           मैं ! बुनकर मज़दूर
हुनर मेरा लूम चलाना।
मेरी कोई उम्र नहीं है...
मैं एक नन्हा बच्चा भी हो सकता हूँ
जहां मेरे नन्हे हाथों में किताब होनी चाहिए
वहां मैं हाथों से लूम चलाता हूँ
मैं एक जवान भी हो सकता हूँ
और पढ़ें
17 hours ago
                                                                           एक तरफ मैं हूं एक तरफ तुम हो
जैसे एक खुशी और दूसरा गम हो
न जानें क्यों दूरियां है
कौनसी मजबूरियां हैं
बस इतना प्यार है
जैसे कोई अपना यार हैं
लगे उसे लगाले गले
लगे उसे अपना बनाले
कितनी जल्दी हो क...और पढ़ें
16 hours ago
                                                                           ज़ख़्म मिले भी तो दर्द भुलाने से मिले
शत्रु जो भी मिले जाने पहचाने से मिले
गरल पी लिया मैं ने चुपचाप सह करके
ताने जितने मिले सब जमानें से मिले। 

- आनंद त्रिपाठी "आतुर...और पढ़ें
15 hours ago
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