आप अपनी कविता सिर्फ अमर उजाला एप के माध्यम से ही भेज सकते हैं

बेहतर अनुभव के लिए एप का उपयोग करें

विज्ञापन

आपका साथ, साथ फूलों का...जैसे सहरा में रात फूलों की

all time favorite song- fir chhidi raat baat foolon ki-
                
                                                                                 
                            इंसान की भावनाएं और मूड पल पल बदलता है। कभी खुशी कभी ग़म। इश्क भी कुछ कुछ ऐसा ही होता है। आप जब इश्क़ में होते हैं तो हर दुख, हर दवाब आपको आकर्षक लगता है। जब इश्क जवां हो रहा होता है तो आस पास चारों ओर खुश्बू और फूल ही फूल नजर आते हैं।
                                                                                                


रात जैसे-जैसे गहराती है और चमेली के फूल की खुश्बू पूरे वातावरण को अपने आगोश में ले रही होती है..इश्क गीत भी कुछ ऐसा ही होता है..और ये तब नशे की तरह मन पर छा जाता है जब ये प्यार की बात ख्यायाम साहब के संगीत से निकल रही होता है...।

बाज़ार फिल्म का हर गीत एक से बढ़ कर एक है। लेकिन उसमें मेरा सबसे पसंदीदा गीत है...फारुख शेख और सुप्रिया पाठक पर फिल्माया गया फिर छिड़ी रात बात फूलों की...दोनों का कमसिन प्यार दुनिया की दुश्वारियों से दूर सपना बुन रहा है...

वो एक दूसरे की नज़रों में नज़र डालते हुए गीत गुनगुनाते हुए फूल की बात छेड़ते हैं तो लता मंगेशकर और तलत अज़ीज़ की आवाज़ गीत को शहद सा मीठा बना देती है...अगर आप बहुत ही खराब मूड में हों और आपके कान में ये गीत के चंद बोल भी पर जाएं तो पूरा मूड बदल जाता है....

फिर छिड़ी रात, बात फूलों की
रात है या बारात फूलों की

फूल के हार, फूल के गजरे
शाम फूलों की, रात फूलों की
फिर छिड़ी रात...


आगे पढ़ें

आपका साथ, साथ फूलों का

1 month ago

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
विज्ञापन
X