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गुरु तेग बहादुर ही हिंद की चादर कहलाएंगे

                
                                                                                 
                            होनहार था धीर था ऐसा वो अजब वीर था
                                                                                                

देश और धर्म का अनूठा वो रखवाला था
सिखों का नौवां गुरु बड़ा ही निराला था

धर्म की रक्षा के लिए दिया जिसने बलिदान
प्राण न्योछावर कर के धर्म की रखी आन

14 वर्ष की आयु में छुड़ाए मुगलों के छक्के थे
हौसले बुलंद और इरादे जिनके पक्के थे

एक अद्भुत बलिदान की गाथा कैसे भूलेगा इंसान
एक ओर भारत माँ का वो जाँबाज़
और दूसरी ओर था मुगलों का हैवान

औरंगज़ेब के अत्याचार के आगे जिसने ना टेके घुटने थे
ऐसे भारत माता के वे सपूत विरले थे
शीश कटा दिया लेकिन केश ना कटवाए थे

कैसे भूल पाएगा हिंदुस्तान
उनका यह सर्वोच्च बलिदान

शीशगंज गुरुद्वारा हमेशा याद दिलाएगा
गुरु तेग बहादुर ही हिंद की चादर कहलाएगा

रूद्र भारद्वाज
 
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1 year ago

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