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आज का शब्द: लालायित और हरिवंशराय बच्चन की कविता- स्वप्न-लोक से हम निर्वासित

आज का शब्द
                
                                                                                 
                            'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- लालायित, जिसका अर्थ है- जिसे बहुत लालसा हो, लोलुप। प्रस्तुत है हरिवंशराय बच्चन की कविता- स्वप्न-लोक से हम निर्वासित
                                                                                                


आओ, सो जाएँ, मर जाएँ!

स्वप्न-लोक से हम निर्वासित,
कब से गृह सुख को लालायित,
आओ, निद्रा पथ से छिपकर हम अपने घर जाएँ!
आओ, सो जाएँ, मर जाएँ!

मौन रहो, मुख से मत बोलो,
अपना यह मधुकोष न खोलो,
भय है कहीं हृदय के मेरे घाव न ये भर जाएँ!
आओ, सो जाएँ, मर जाएँ!

आँसू भी न बहाएँगे हम,
जग से क्या ले जाएँगे हम?-
यदि निर्धनों के अंतिम धन ये जल कण भी झर जाएँ!
आओ, सो जाएँ, मर जाएँ!
4 months ago

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