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'इश्क़ में मिले फरेब' पर कहे गए शेर...

इश्क़ में मिले फरेब तो शायरों ने कहे ये शेर.... 
                
                                                                                 
                            तू भी सादा है कभी चाल बदलता ही नहीं 
                                                                                                

हम भी सादा हैं इसी चाल में आ जाते हैं 
- अफ़ज़ल ख़ान

जो उन मासूम आँखों ने दिए थे 
वो धोके आज तक मैं खा रहा हूँ 
- फ़िराक़ गोरखपुरी

आदमी जान के खाता है मोहब्बत में फ़रेब 
ख़ुद-फ़रेबी ही मोहब्बत का सिला हो जैसे 
- इक़बाल अज़ीम आगे पढ़ें

3 वर्ष पहले

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