अमर उजाला काव्य डेस्क, नई दिल्ली
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित सुप्रसिद्ध लेखिका कृष्णा सोबती का 94 साल की उम्र में निधन हो गया है। लंबी बीमारी के बाद उनका निधन आज सुबह साढ़े आठ बजे एक निजी अस्पताल में हो गया। कृष्णा सोबती का जन्म पाकिस्तान के गुजरात में हुआ था और वह विभाजन के बाद भारत आ गयीं थीं। अपने शुरुआती दौर में छोटी कहानियां लिखकर उन्होंने लेखिका के तौर पर अपनी पहचान बनायी।
1980 में उन्हें उनके उपन्यास 'ज़िंदगीनामा' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 1996 में साहित्य अकादमी फैलोशिप से नवाज़ा गया। साल 2017 में उन्हें साहित्य के सर्वोच्च सम्मान 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। कृष्णा सोबती की प्रमुख रचनाओं में मित्रो मरजानी, डार से बिछुड़ी, ऐ लड़की आदि शामिल हैं।
कवि अशोक वाजपेयी ने उनके निधन की सूचना देते हुए कहा कि, 'श्रीमती सोबती का निधन हिंदी साहित्य के लिए अपूरणीय क्षति है।' इस दुखद ख़बर के बाद सम्पूर्ण साहित्य जगत में शोक व्याप्त है।
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