कोरल दासगुप्ता की लेखन शैली बहुत ही प्रभावित करने वाली है। उनकी सभी पुस्तकों में एक प्रकार की सादगी एवं नयापन है जो सामान्य रूप से पुस्तकों में नहीं मिल पाता पुस्तक समर होलीडेज उनकी नयी पुस्तक है जिसमें उन्होंने पाठकों को निराश न करते हुए एक बहुत ही स्वस्थ एवं हास्य पूर्ण मनोरंजन की भेंट दी है।
यह पुस्तक एक संयुक्त परिवार पर आधारित है जिसमें परिवार की युवा पीढ़ी परिवार के कड़वे हो चुके संबंधों को उबार कर संबंधों में आयी दूरी को मिटाने का का प्रयास करती है। पुस्तक का कथानक गंभीर है परंतु कोरल दासगुप्ता उससे हल्के ढंग से प्रस्तुत करके अत्यंत मनोरंजक रूप प्रदान करती हैं जिससे इस पुस्तक को पढ़ने का अनुभव पाठक को अपने जीवन और बीते सालों में लेकर जाता है। विशेषकर तब जब पाठक ने अपने जीवन के कुछ वर्ष या कुछ अवधि संयुक्त परिवार में बिताई हो। पारिवारिक संबंधों की जटिलता को हल्के ढंग से प्रस्तुत करके लेखक ने इस पुस्तक को पढ़ने के अनुभव को अत्यंत मनोरंजक बनाए रखा है। किसी गंभीर विषय को सीधे एवं सरल ढंग से प्रस्तुत कर पाना लेखन की दृष्टि से अत्यंत चुनौतीपूर्ण एवं जटिल कार्य है और जिस कुशलता से कोरल दासगुप्ता ने यह पुस्तक समर हॉलीडेज़ में किया है। वह उनके विचारों की परिपक्वता तथा लेखनी की उत्कृष्टता को दर्शाता है।
इस कहानी के सभी पात्र बहुत ही कुशलता एवं विचार पूर्ण ढंग से ढाले गए हैं। हर चरित्र में कुछ विशेषताएं और कुछ कमियां हैं जिनके कारण वह यथार्थ परक एवं जाने पहचाने लगते हैं। लेखक ने सभी चरित्रों को समुचित विस्तार से प्रस्तुत किया है जिससे कि पढ़ने वाले को न केवल चरित्र की मानसिकता बल्कि हर एक संवाद की पृष्ठभूमि बहुत ही सफाई से समझ में आती है जो कि इस उपन्यास के प्रति लेखक के कमिटमेंट को दर्शाता है।
इस पुस्तक का summer holidays यानी गर्मियों की छुट्टी की पृष्ठभूमि पर आधारित होना पाठक को अपने जीवन की बीती यादों में भी लेकर जाता है इसके अलावा कहानी का बेंगलुरु दिल्ली एवं मसूरी पर आधारित होना उसे एक प्रकार की भौगोलिक विविधता प्रदान करता है जो कि पढ़ने के अनुभव को और भी मनोरंजक बनाती है।
यद्यपि परिवार के सदस्यों में एक दूसरे के प्रति प्रेम एवं शिकायत दोनों की ही कोई कमी नहीं, परंतु पुस्तक आपसी वैमनस्य भुलाकर रिश्तों को जोड़े रखने का संदेश देती है। यह पुस्तक हमें बताती है कि आपसी संबंधों को बना कर रखना झूठे अहंकार से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है।
कोरल दासगुप्ता ने परिवारिक संबंधों के अत्यंत जटिल ताने-बाने को अति सरलता से प्रस्तुत किया है और उसे एक मनोरंजक उपन्यास का रूप दिया है। यह उपन्यास पाठक की उत्सुकता बढ़ाकर उसे पूरे तरीके से बांधे रखता है। यह एक स्वस्थ उपन्यास है जो आपको मनोरंजन प्रदान करता है, बीती यादों में लेकर जाता है और संबंधों के महत्व का संदेश भी देता है.।
इस पुस्तक के पाठक के रूप में मैं कोरल जी को धन्यवाद एवं बधाई देते हुए उनसे यह प्रार्थना करता हूं कि अपनी अगली पुस्तक जल्दी से जल्दी पाठकों के बीच में लेकर आएं।
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4 years ago
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