वैलेंटाइन वीक चल रहा है यानी प्रेमियों का मौसम और गुलाबों के बाद दूसरा दिन प्यार के इज़हार का होता है। शायरें ने अपनी मुहब्बत का इज़हार कैसे किया और उनके क्या ख़याल थे इज़हार के बारे में जानें इन शायरी के साथ
दिल की बातें दूसरों से मत कहो लुट जाओगे
आज कल इज़हार के धंधे में है घाटा बहुत
- शुजा ख़ावर
ज़बाँ ख़ामोश मगर नज़रों में उजाला देखा
उस का इज़हार-ए-मोहब्बत भी निराला देखा
- तौक़ीर अहमद
उनसे इज़हार-ए-मुद्दआ न किया
उनसे इज़हार-ए-मुद्दआ न किया
क्या किया मैंने हाए क्या न किया
- अनीसा बेगम
कोई इज़हार कर सकता है कैसे
ये लफ़्ज़ों से ज़बाँ का फ़ासला है
- ताबिश कमाल
दिल पे कुछ और गुज़रती है मगर क्या कीजे
दिल पे कुछ और गुज़रती है मगर क्या कीजे
लफ़्ज़ कुछ और ही इज़हार किए जाते हैं
- जलील ’आली’
इज़हार-ए-इश्क़ उस से न करना था 'शेफ़्ता'
ये क्या किया कि दोस्त को दुश्मन बना दिया
- मुस्तफ़ा ख़ाँ शेफ़्ता
एक दिन कह लीजिए जो कुछ है दिल में आप के
एक दिन कह लीजिए जो कुछ है दिल में आप के
एक दिन सुन लीजिए जो कुछ हमारे दिल में है
- जोश मलीहाबादी
साफ़ बता दे जो तू ने देखा है दिन रात
दुनिया के डर से न रख दिल में दिल की बात
- मख़मूर सईदी
ये कहना था उन से मोहब्बत है मुझको
ये कहना था उन से मोहब्बत है मुझको
ये कहने में मुझ को ज़माने लगे हैं
-ख़ुमार बाराबंकवी
तुझ से किस तरह मैं इज़हार-ए-तमन्ना करता
लफ़्ज़ सूझा तो मआनी ने बग़ावत कर दी
- अहमद नदीम क़ासमी
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उनसे इज़हार-ए-मुद्दआ न किया
4 years ago
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