जिसके होने से घर में रौनक है, जिसकी छाया सुकून देती है...
जिसके होने से घर में रौनक है
जिसकी छाया सुकून देती है
वो रहे घर में तो घर लगता है
घर की हर चीज़ खुशी देती है।
उसने नाजों से हमको पाला है
अपने सांचों में उसने ढाला है
व्यर्थ में ढूंढते हो तुम ईश्वर
वही मंदिर है औ शिवाला है।
कोई हारी हो या बीमारी हो
राह में कितनी भी दुश्वारी हो
मुश्किलों से निजात मिल जाए
मां अगर पास में हमारी हो।
मां तो आशीष बन के रहती है
वो अगर फ्रेम में भी रहती है
कभी महसूस करके देखो तो
वह हवा बनके पास रहती है ।
वो कभी स्वप्न में आ जाती है
घर में ज्यों गश्त-सी लगाती है
सोए होते हैं हम जो नींदों में
जैसे चादर ओढ़ा के जाती है।
उसका कोना सही सलामत है
उसका होना सही सलामत है
वो अगर देह में नहीं भी तो
देह की रूह में सलामत है।
बाल-बच्चों में उसकी छाया है
जो भी कुछ है उसी की माया है
मोह-ममता जो हममें दिखती है
उसके ही सदगुणों का साया है।
खूबसूरत-सा मां का चेहरा है
उसकी आंखों का भाव गहरा है
हम जो कुछ बोलचाल लेते हैं
उससे सीखा हुआ ककहरा है।
जो बहुत खुशनसीब होते हैं
अपनी मां के करीब होते हैं
जान देते हैं अपनी माओं पर
जो भी शायर अदीब होते हैं।
घर का मौसम उदास रहता है
मन का मौसम उदास रहता है
मां अगर हो नहीं कभी घर में
सारा आलम उदास रहता है ।
आगे पढ़ें
3 महीने पहले
कमेंट
कमेंट X