तम्बाखू को थू थू थू
पान मसाला गुटखा थू
थू थू थू थू थू थू
इन सब को बोलो थू थू थू
थू थू थू थू थू थू
थू थू थू थू थू थू
इलाइची खाओ लोंग खाओ
सोंफ इलाइची मुँह चबाओ
लेकिन पान तम्बाखू गुटखा
सब को जेब से दूर भगाओ
केंसर जैसी बीमारी से
बच जाएगा इंसा तू
तम्बाखू को थू थू थू
पान मसाला गुटखा थू
थू थू थू थू थू थू
थू थू थू थू थू थू
रोज का खर्चा होता कम
उसकी करो बचत हरदम
उत्सव मनाओ त्योहार मनाओ
होली दिवाली धूम मचाओ
दुर्दिन हो जाएं चक्कर रफू
तम्बाखू को थू थू थू
पान मसाला गुटखा थू
थू थू थू थू थू थू
थू थू थू थू थू थू
संतों का उपदेश यही
मेरा भी संदेश यही
ईश्वर की है ऐसी माया
सबसे भली निरोगी काया
छेड़छाड़ न करो शरीर से
प्रभु की अनुपम तस्वीर से
करो न मुँह को निकृष्ट बेढंगा
सुंदर चेहरे को बदरंगा
दूर करो मुंह से बदबू
तम्बाखू को थू थू थू
पान मसाला गुटखा थू
थू थू थू थू थू थू
थू थू थू थू थू थू
मन्दिर में ना शीश नवाओ
मस्ज़िद में चाहे ना जाओ
लेकिन एक शपथ प्रतिदिन
नो तम्बाकू की दिलवाओ
सच्ची पूजा , यही इबादत
अपने इष्ट को यूं मनाओ
यही पुण्य है ये ही धर्मा
सबसे बड़ा यही सतकर्मा
धन्य करो अपने जीवन को
बहा रोगमुक्ति की खुशबू
तम्बाखू को थू थू थू
पान मसाला गुटखा थू
थू थू थू थू थू थू
थू थू थू थू थू थू
-सर्वज्ञ शेखर
सेक्टर 5 /49
आवास विकास कॉलोनी
सिकन्दरा
आगरा (उ.प्र.)
282007
8192000456
[email protected]
- हमें विश्वास है कि हमारे पाठक स्वरचित रचनाएं ही इस कॉलम के तहत प्रकाशित होने के लिए भेजते हैं। हमारे इस सम्मानित पाठक का भी दावा है कि यह रचना स्वरचित है।
आपकी रचनात्मकता को अमर उजाला काव्य देगा नया मुक़ाम, रचना भेजने के लिए यहां क्लिक करें
3 years ago
कमेंट
कमेंट X