आप अपनी कविता सिर्फ अमर उजाला एप के माध्यम से ही भेज सकते हैं

बेहतर अनुभव के लिए एप का उपयोग करें

विज्ञापन

बापू वाला कुर्ता

                
                                                                                 
                            में सु पढ़ा लिखा छोरा तू भगाण की न सोचे
                                                                                                

तोड़ रिश्ते तू रिश्ते निभान की न सोचे
में सु पढ़ा लिखा छोरा तू भगाण की न सोचे
तोड़ रिश्ते तू रिश्ते निभान की न सोचे
दोनों कुनबे की नाक में कटा नहीं सकता
तेरे प्यार से भी प्यारा बापू वाला कुरता
उस कुर्ते को दाग में लगा नहीं सकता
तेरे प्यार से भी प्यारा बापू वाला कुरता
उस कुर्ते को दाग में लगा नहीं सकता
मेरे घर कुनबे की पूरी धाक सरे गाम में
देख बन जायेगा पल भर में मजाक सारे गाम में
मेरे घर कुनबे की पूरी धाक सारे गाम में
देख बन जायेगा पल भर में मजाक सारे गाम में
में नीची नार खानदान की करा नहीं सकता
हो तेरे प्यार से भी प्यारा बापू वाला कुरता
उस कुर्ते को दाग में लगा नहीं सकता
रस्मे रिवाजो को में छोड़ नहीं सकता
मेरे चाचा के गुरुर को में तोड़ नहीं सकता
रस्मे रिवाजो को में छोड़ नहीं सकता
मेरे चाचा के गुरुर को में तोड़ नहीं सकता
हो तेरे प्यार से भी प्यारा बापू वाला कुरता
उस कुर्ते को दाग में लगा नहीं सकता
प्यार तेरे से भतेरा स्वेता निमेसनीये
तू कर या न कर विस्वास निमेसनीये
तेरे इश्क में रिस्क ठा नहीं सकता
हो तेरे प्यार से भी प्यारा बापू वाला कुरता
उस कुर्ते को दाग में लगा नहीं सकता

हमें विश्वास है कि हमारे पाठक स्वरचित रचनाएं ही इस कॉलम के तहत प्रकाशित होने के लिए भेजते हैं। हमारे इस सम्मानित पाठक का भी दावा है कि यह रचना स्वरचित है। 

आपकी रचनात्मकता को अमर उजाला काव्य देगा नया मुक़ाम, रचना भेजने के लिए यहां क्लिक करें
4 years ago

कमेंट

कमेंट X

😊अति सुंदर 😎बहुत खूब 👌अति उत्तम भाव 👍बहुत बढ़िया.. 🤩लाजवाब 🤩बेहतरीन 🙌क्या खूब कहा 😔बहुत मार्मिक 😀वाह! वाह! क्या बात है! 🤗शानदार 👌गजब 🙏छा गये आप 👏तालियां ✌शाबाश 😍जबरदस्त
विज्ञापन
X