1
तन्दूर तपा
धरती रोटी सिंकी
दहके लाल
2
आग का गोला
फट गया सुबह
बिखरे शोले
3
सूखे गले से
कलप रही हवा
घूँट पानी के
4
लपटों -घिरा
अ...और पढ़ें
जब भी रोया
विकल मन मेरा
तुमको पाया।
निर्मल बहे
पहाड़ी झरने -सा
प्रेम तुम्हारा।
नेह तुम्हारा
सर्दी की धूप जैसा
उँगली फेरे।...और पढ़ें
प्रेम में राधा
भावना के बल से –
कृष्ण को बाँधा ।
प्यार में डूबा
आनन्द भी ,पीड़ा भी
मन अजूबा ।
तुम जो मिले
जीवन में फाल्गुन,
सुमन खिले ।...और पढ़ें
1
व्याकुल गाँव
व्याकुल होरी के हैं
घायल पाँव ।
2
कर्ज़ का भार
उजड़े हुए खेत
सेठ की मार ।
3
बेटी मुस्काई
बहू बन पहुँची
लाश ही पाई । ...और पढ़ें
1
मनमौजी है
जंगल को गाने दो
अपना गीत
2
हरे पन्ने पे
रचते आरण्यक
ये वन -ॠषि
3
इन्हें न काटो
पावन वेद-ॠचा-
सी यह सृष्टि...और पढ़ें
हाइकु जापानी शैली की लघु कविता है। इसमें 17 वर्ण होते हैं और इसे तीन पंक्तियों में लिखा जाता है। पहली पंक्ति में पांच वर्ण, दूसरी में सात, और तीसरी में फिर पांच वर्ण होते हैं।
(हँसी)
छलकी हँसी
बनकर संगीत
नदी- सी बह...और पढ़ें
हाइकु जापानी शैली की लघु कविता है। इसमें 17 वर्ण होते हैं और इसे तीन पंक्तियों में लिखा जाता है। पहली पंक्ति में पांच वर्ण, दूसरी में सात, और तीसरी में फिर पांच वर्ण होते हैं।
जन्म मरण
समय की गति के
हैं दो चरण
* * * ...और पढ़ें
हाइकु जापानी शैली की लघु कविता है। इसमें 17 वर्ण होते हैं और इसे तीन पंक्तियों में लिखा जाता है। पहली पंक्ति में पांच वर्ण, दूसरी में सात, और तीसरी में फिर पांच वर्ण होते हैं
उगने लगे
कंकरीट के वन
उदास मन !
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जल चढ़ाया
तो सूर्य ने लौटाए
घने बादल।
तटों के पास
नौकाएं तो हैं, किन्तु
पाँव कहाँ हैं?
ज़मीन पर
बच्चों ने लिखा 'घर'
रहे बेघर।
रहता मौन
तो ऐ झरने...और पढ़ें
हाइकु जापानी शैली की लघु कविता है। इसमें 17 वर्ण होते हैं और इसे तीन पंक्तियों में लिखा जाता है। पहली पंक्ति में पांच वर्ण, दूसरी में सात, और तीसरी में फिर पांच वर्ण होते हैं।
चांदी की नाव
सोने के डांड लगे
रेत में धंसी।...और पढ़ें