उत्तराखंड में फिर सियासी संग्राम देखने मिल रहा है। टिहरी विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस में भयंकर उठापटक दिख रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय अब भाजपा का दामन थाम चुके हैं। बुधवार को कांग्रेस ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है, जिसके बाद वह भाजपा की ओर चले गए। इधर टिहरी से भाजपा किशोर उपाध्याय को प्रत्याशी घोषित कर सकती है और इस नाराजगी में भाजपा के विधायक डॉ धन सिंह नेगी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं और धन सिंह नेगी को कांग्रेस टिहरी से प्रत्याशी भी घोषित कर देगी यानी सियासी उठापटक टिहरी सीट पर चरम पर है। बात किशोर उपाध्याय की करते हैं… किशोर उपाध्याय उत्तराखंड के कद्दावर नेता हैं और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। 1958 में जन्मे किशोर उपाध्याय टिहरी गढ़वाल के ही रहने वाले हैं। उत्तराखंड आंदोलन में इनकी अहम भूमिका रही है। गांधी परिवार के सबसे निकटतम राजनेताओं में से एक भी रहे हैं और राजीव गांधी को अमेठी से चुनाव लड़ाने में भी इनका बड़ा योगदान रहा। साल 2002 में पहली बार यह टिहरी सीट से विधायक चुने गए। एनडी तिवारी की सरकार में औद्योगिक राज्य मंत्री बने। 2007 में लगातार दूसरी बार टिहरी के विधायक बने। साल 2012 में निर्दलीय दिनेश धने से 377 मतों के मामूली आंकड़े से हार गए। 2014 में किशोर उपाध्याय उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया और 2017 तक लगातार इस पद पर बने रहे। अब किशोर कांग्रेस से निष्काशित होने पर बीजेपी के साथ है और लघभग तय है कि भाजपा इन्हें टिहरी से टिकट भी देगी।