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लखनऊ: कोरोना संक्रमित की भर्ती के लिए सीएमओ के रेफरल लेटर की बाध्यता खत्म, रिपोर्ट के आधार पर मिलेगा बेड

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ Published by: Vikas Kumar Updated Thu, 22 Apr 2021 09:30 PM IST
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सार

लखनऊ में कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों की अस्पतालों में भर्ती के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के रेफरल लेटर की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है।
अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीज - फोटो : amar ujala
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विस्तार

लखनऊ में कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों की अस्पतालों में भर्ती के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के रेफरल लेटर की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। बता दें कि रेफरल लेटर की बाध्यता मरीजों के जीवन पर भारी पड़ रही थी। परिजन गंभीर रूप से बीमार मरीजों को लेकर अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। अव्वल तो हर जगह बेड न होने का जवाब मिलता है। कहीं भर्ती होने की गुंजाइश दिखाई भी देती है तो सीएमओ के रेफरल लेटर की बाध्यता आड़े आ जा रही थी। रेफरल लेटर के लिए लोगों को इंटीग्रेटेड कोविड कमांड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) के चक्कर लगाने पड़ रहे थे। इस प्रक्रिया में कभी-कभी इतना समय लग जाता था कि मरीज की हालत बहुत ज्यादा बिगड़ जाती है या उसे जान से हाथ धोना पड़ रहा था।


नए दिशा-निर्देश के मुताबिक अब निजी कोविड अस्पतालों में मरीज अब कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट के आधार पर ही भर्ती हो सकेंगे। निजी अस्पतालों को मरीजों को भर्ती करने के बाद इसकी सूचना तत्काल प्रदेश सरकार के पोर्टल पर देनी होगी। यह अस्पताल सरकार से निर्धारित दरों पर ही मरीजों का इलाज करेंगे। सभी अस्पतालों को सुबह आठ बजे और शाम को चार बजे खाली बेड की संख्या श्रेणीवार अस्पताल के बाहर विज्ञापित करनी होगी। इसकी जानकारी इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर के पोर्टल पर भी देनी होगी।


अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के कई जिलों में एक्टिव मरीजों की संख्या बहुत अधिक बढ़ जाने के कारण इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर से अस्पताल आवंटन की सुविधा प्रभावशाली तरीके से लागू नहीं हो पा रही है। इससे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों की परेशानी को देखते हुए 30 जून 2021 तक इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर से आवंटन के बिना भी निजी अस्पताल मरीजों को भर्ती कर सकेंगे। निजी अस्पतालों को 10 फीसदी बेड आरक्षित रखने होंगे। जिस कमांड सेंटर से ही मरीज भर्ती होंगे। 

उन्होंने बताया कि निजी अस्पतालों में जाने वाले मरीज अपनी व्यवसस्था से अस्पताल जाने के लिए स्वतंत्र हों लेकिन कोई मरीज इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर से एंबुलेंस मांगेगा तो उसे निजी अस्पताल के भर्ती करने के पत्र के आधार पर एंबुलेंस दिलाई जाएगी। इसके लिए एक वाट्सएप नंबर भी आरक्षित किया जाएगा। जिस पर कोविड संक्रमित व्यक्ति एंबुलेंस के लिए अनुरोध और संबंधित निजी अस्पताल में भर्ती का पत्र भेज सकेगा। अनुरोध पत्र का प्रारूप जिला प्रशासन तैयार करेगा।

स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों, राजकीय मेडिकल कॉलेजों, निजी मेडिकल कॉलेजों में कोविड मरीजों के भर्ती की प्रक्रिया कमांड सेंटर के माध्यम से होगी। 70 फीसदी बेड कोविड कमांड सेंटर के माध्यम से आवंटित किए जाएंगे। बचे हुए 30 फीसदी बेड का आवंटन यह अस्पताल इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए स्वयं किया जा सकेगा। कमांड सेंटर के माध्यम से जारी एडमिशन स्लिप को सबंधित अस्पताल के मानना जरूरी होगा। यदि इसका उल्लंघन किया गया तो उप्र महामारी अधिनियम के तहत अस्पताल पर कार्रवाई होगी। कोविड कमांड सेंटर पर चिकित्सा शिक्षा विभाग भी रोटेशन से एक अधिकारी को तैनात करेगा। जो मेडिकल कॉलेजों के समन्वय स्थापित करेंगे।

फ्री इलाज के लिए कोविड कमांड सेंटर से होगी भर्ती
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य ने बताया कि जो मरीज फ्री इलाज का अनुरोध करेंगे, उनकी भर्ती की व्यवस्था कोविड कमांड सेंटर के माध्यम से होगी। मरीज के स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए अस्पताल का आवंटन किया जाएगा। जिन मरीजों को कमांड सेंटर से भर्ती कराया जाएगा, उन्हें एंबुलेंस भी सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। मरीज कोविड कमांड सेंटर को फोन करके भी अस्पताल में भर्ती का अनुरोध कर सकते हैं। जिला प्रशासन कुछ स्थानों पर काउंटर भी बना सकेगा, जिस पर लोग फ्री अस्पताल के लिए अपना अनुरोध पत्र दे सकेंगे।
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