30 साल पुराने मामले में सिद्धू को हो सकती है एक साल की सजा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 13 Sep 2018 05:53 AM IST
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 15 मई को रोडरेज मामले में सिर्फ मारपीट करने का दोषी मानते हुए नवजोत सिद्धू पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। सनद रहे कि मारपीट (धारा 323) में दोषी पाए जाने पर अधिकतम एक वर्ष की सजा या अधिकतम जुर्माना 1000 रुपये या दोनों का प्रावधान है। चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका को सिर्फ सजा तक सीमित रखा है लिहाजा सिद्धू को एक वर्ष तक की सजा भी हो सकती है।
गौरतलब है कि न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने सिद्धू को गैर इरादन हत्या के आरोप से बरी कर दिया था। पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि मामला 30 वर्ष पुराना है, सिद्धू की मृतक गुरनाम सिंह से कोई पुरानी दुश्मनी नहीं थी। घटना में किसी प्रकार के हथियार का इस्तेमाल नहीं हुआ और जिन परिस्थिति में यह सब हुआ, हमारा मानना है कि सजा के तौर पर एक हजार रुपये जुर्माना करना ही न्यायोचित है। वहीं मामले में सह आरोपी रुपिंदर सिंह संधू को भी बरी कर दिया था।
क्या था मामला
सिद्धू पर आरोप था कि 27 दिसंबर, 1988 को पटियाला में सड़क पर 65 वर्षीय गुरनाम सिंह से बहस हो गई थी, जिसके बाद सिद्धू ने गुरनाम सिंह को मुक्का जड़ दिया। अस्पताल में ब्रेन हैमरेज से गुरनाम की मौत हो गई थी।
निचली अदालत ने सिद्धू को आरोपमुक्त कर दिया था लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने फैसले को दरकिनार करते हुए सिद्धू को गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया था और तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई थी। सिद्धू ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।