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राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (आरएसएलएसए) और महाराष्ट्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (एमएसएलएसए) द्वारा 13 अगस्त को भारत की पहली पूर्ण डिजिटल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इस लोक अदालत के डिजिटलीकरण से आम लोगों को अपने घरों में आराम से न्याय प्राप्त करने में सुविधा होगी। देश भर की विभिन्न अदालतों में बढ़ते मामले को देखते हुए यह भारतीय न्यायिक प्रणाली के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा।
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जानें क्या है डिजिटल लॉकर अदालत
बता दें कि भारत की पहली एआई-पावर्ड, आधुनिक डिजिटल लोक अदालत का उद्घाटन राजस्थान के जयपुर में आयोजित 18वें अखिल भारतीय कानूनी सेवा प्राधिकरण बैठक के दौरान NALSA के चेयरमैन यूयू ललित द्वारा किया गया था। इसके बाद इसकी लॉन्चिंग महाराष्ट्र में भी की गई थी। यह अदालत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित होने वाली पहली अदालत है। डिजिटल लोक अदालत को यूपीटी जस्टिस टेक्नोलॉजी द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। यह डिजिटलाइजेशन न केवल एमएसएलएसए को अपने बैक-एंड प्रशासनिक कार्य को आसान बनाने में मदद करेगा, बल्कि आम लोगों के लिए भी फायदेमंद होगा।
लंबित विवादों को जल्दी और कुशलता से निपटाने में मिलेगी मदद
जस्टिस टेक्नोलॉजीज के संस्थापक और सीईओ रमन अग्रवाल ने कहा कि जुपिटिस की डिजिटल लोक अदालत का इस्तेमाल महाराष्ट्र और राजस्थान द्वारा मुकदमे से पहले के चरणों में लंबित विवादों को जल्दी और कुशलता से निपटाने के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जुपिटिस की ऑनलाइन सेवाओं के साथ, लोक अदालत का प्रशासनिक कार्य न केवल अधिक लागत प्रभावी होगा, बल्कि प्रक्रिया में शामिल सभी हितधारकों के लिए दक्षता, सुविधा और पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगा।