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दिल्ली में भयावह हालात: अस्पतालों में बेड की कमी, एंबुलेंस में दम तोड़ रहे मरीज, नहीं मिल रहा इलाज

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: प्राची प्रियम Updated Sun, 18 Apr 2021 08:59 AM IST
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सार

दिल्ली में लगातार बिगड़ रहे हालात। अस्पतालों में लगी एंबुलेंस की लाइन। मरीजों को भर्ती होने में लग रहे घंटों। एंबुलेंस में ही हो रही कई मरीजों की मौत। भर्ती होने के बाद भी एक ही बेड पर हो रहा दो मरीजों का इलाज।
दिल्ली के अस्पतालों के हालात - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार

देश भर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। राजधानी दिल्ली में हर बीतते दिन के साथ हालात बिगड़ते जा रहे हैं। सरकार और प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद अस्पतालों में बेड अपनी क्षमता से अधिक भरे हुए हैं। किसी तरह से एंबुलेंस की व्यवस्था कर अगर मरीज अस्पताल पहुंच भी रहे हैं तो वहां लंबी लाइन लगी हुई है। 


मरीजों को भर्ती होने के लिए एंबुलेंस में ही घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। दिल्ली के प्रतिष्ठित लोक नायक जयप्रकाश नारायण और जीटीबी जैसे अस्पतालों तक में हालात यह हैं कि एक ही बेड पर दो मरीजों का इलाज किया जा रहा है। 


हालात यह हैं कि शनिवार देर रात लोकनायक अस्पताल के आपातकालीन विभाग के बाहर दो मरीजों ने एंबुलेंस में दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है कि वे आधा घंटे से एंबुलेंस में भर्ती होने का इंतजार कर रहे थे। बेड नहीं होने की वजह से उनके मरीज को दाखिल नहीं किया गया। इस वजह से मरीज की मौत हो गई। 

उधर, सोशल मीडिया पर देर रात कई वीडियो अस्पताल से वायरल हुए, जिसके बाद आनन-फानन स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे। स्वास्थ्य मंत्री ने आपातकालीन विभाग के बाहर तीमारदारों से बातचीत की। साथ ही अस्पताल में उनके मरीजों को भर्ती कराने का आदेश दिया। 

देर रात अस्पताल में निरीक्षण करने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा कि दिल्ली के सबसे बड़े कोविड विशेष अस्पताल लोकनायक में रात को दौरा करते हुए तीमारदारों से मुलाकात की। इस दौरान तीमारदारों से अपील की गई कि होम आइसोलेशन में रहकर भी बेहतर उपचार लिया जा सकता है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों को भीड़ प्रबंधन के निर्देश भी दिए हैं। मंत्री जैन का कहना है कि इस वक्त हर किसी के सहयोग की आवश्यकता है।

जिन मरीजों को लक्षण नहीं है या फिर उन्हें संक्रमित होने के बाद थोड़ी बहुत दिक्कत हो रही है तो ऐसे मरीज घर पर होम आइसोलेशन में रहकर भी उपचार ले सकते हैं। हालांकि अस्पताल के बाहर बिस्तर न मिलने से दो मरीजों की मौत होने के आरोपों को लेकर जानकारी नहीं मिली। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेश कुमार ने भी देर रात कोई जानकारी नहीं दी।
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