बीके सिविल अस्पताल मेें बुधवार सुबह लाई गई 11 माह की इलाज के दौरान मौत हो गई। बच्ची के माता पिता ने आरोप लगाया कि आधार कार्ड न होने की वजह से अस्पताल में दाखिल नहीं किया, इलाज न मिलने से उसकी मौत हो गई।
अस्पताल प्रशासन के मुताबिक बच्ची को मरणासन्न हालत में भर्ती कराया गया था, काफी प्रयास के बावजूद बच्ची को नहीं बचाया जा सका। मौत का शिकार हुई 11 माह की बच्ची डबुआ निवासी बबलू की बेटी थी।
बबलू के मुताबिक बेटी को चार दिन से उल्टी दस्त आ रहे थे। बच्ची को एयरफोर्स रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार को बच्ची की हालत खराब होने पर अस्पताल वालों ने उसे बीके सिविल अस्पताल ले जाने की सलाह दी।
इस पर दंपती बच्ची को बीके सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे। बबलू की पत्नी कमलेश का आरोप है कि यहां बच्ची को लेकर पहुंचे तो ओपीडी कार्ड बनवाने को कहा गया। कार्ड बनवाने गए तो आधार कार्ड मांगा गया।
आधार कार्ड नहीं था तो ओपीडी कार्ड नहीं बनाया गया। कार्यालय में बैठे व्यक्ति ने बच्ची को इमरजेंसी में दिखाने की बात कह कार्ड बनाने से इनकार कर दिया। इस दौरान बच्ची की हालत और खराब हो गई।
दंपती बच्ची को लेकर इमरजेंसी वार्ड पहुंचा। इमरजेंसी वार्ड में मौजूद डॉक्टरों ने बच्ची का इलाज शुरू कर दिया, काफी प्रयास के बावजूद थोड़ी ही देर में उसकी सांसें थम गईं। रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर डॉॅ. विकास ने बताया कि ओपीडी कार्ड बनने के लिए आधार कार्ड जरूरी है।
परिजन बच्ची को लगभग मरणासन्न हालत में लेकर आए थे, इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया डॉक्टरों बच्ची को बचाने का प्रयास किए, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।